सीता और राम एक, न करें सीता का अपमान: राहुल का संघ-BJP पर बड़ा हमला
'हेराम, जीवन जीने का तरीका है। इसने पूरी दुनिया को प्यार, भाईचारा, सम्मान और तपस्या का मतलब सिखाया। इसी तरह, जय सिया राम का अर्थ है, सीता और राम एक हैं और भगवान राम ने सीता के सम्मान के लिए लड़ाई लड़ी।
आगर। कांग्रेस नेता राहुल गांधी कल शुक्रवार को अपनी भारत जोड़ो यात्रा लेकर आगर मालवा में थे। यहीं पर उन्होंने रात्रि विश्राम भी किया था। देर रात एक सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने भाजपा और उससे जुड़े संगठन आरएसएस पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि संघ और भाजपा वाले जय श्री राम बोलते हैं, न कि जय सियाराम। वहां कोई सीता नहीं है। वे लोग सीता को बाहर रख उनकी पूजा नहीं करते। इस दौरान राहुल ने जय श्री राम, जय सियाराम और हेराम का मतलब भी समझाया।
राहुल ने इन तीनों बातों का मतलब समझाते हुए कहा कि , ‘हेराम, जीवन जीने का तरीका है। इसने पूरी दुनिया को प्यार, भाईचारा, सम्मान और तपस्या का मतलब सिखाया। इसी तरह, जय सिया राम का अर्थ है, सीता और राम एक हैं और भगवान राम ने सीता के सम्मान के लिए लड़ाई लड़ी। जय श्री राम का मतलब है कि भगवान राम की जय हो, लेकिन भाजपा और आरएसएस के लोग अपना जीवन भगवान राम की तरह नहीं जीते हैं।
न करें सीताजी का अपमान
‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान यहां एक रैली में एक पुजारी के साथ बातचीत का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि महात्मा गांधी द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला वाक्यांश ‘हेराम’ जीवन जीनेका तरीका’ है। राहुल गांधी ने तंज कसते हुए कहा कि मेरी संघ और भाजपा के मित्रों से अपील है कि जय श्री राम के साथ-साथ जय सियाराम और हे राम का भी जाप किया करें। सीताजी का अपमान न करें।
संघियों ने भगवान राम को कभी नहीं अपनाया
राहुल गांधी ने कहा कि ये सब मुझे एक पंडित ने बताया। पंडित उनके पास आए थे। राहुल ने कहा कि मैं यात्रा के दौरान काफी-कुछ सीख रहा हूं। राहुल ने हे राम, सिया राम और सीता राम को भी अलग तरीके से समझाया। राहुल ने ये भी कहा कि आरएसएस के लोग भाजपा में गए और उन्होंने भगवान राम के जीवन के तरीके को कभी नहीं अपनाया। भगवान राम ने कभी किसी के साथ अन्याय नहीं किया। उन्होंने समाज को एकजुट करने का काम किया। उन्होंने किसानों, व्यापारियों और मजदूरों की मदद की है।