नज़रिया

इस मामले की तह तक जाना बहुत आवश्यक  

इस मामले के किसी भी पहलू को नज़रंदाज़ करने की भूल नहीं की जाना चाहिए। उत्तरप्रदेश (UP)में धर्मान्तरण के जिस गिरोहबद्ध तरीके का खुलासा हुआ है, वह बहुत संगीन मामला है। यह इल्ली लगी वह प्याज है, जिसके हर छिलके के नीचे से पहले वाले के मुकाबले और बड़ी इल्ली दिख रही है। अब धुंध कुछ छटने लगी है।

कैराना (Kairana) के मंदिर काण्ड का नया सच सामने आ सकता है। क्योंकि ये खुलासा कैराना के एक मंदिर में पुजारी पर हमले की तफ्तीश से ही हुआ है। हमलावर मुस्लिम थे। उन्होंने बताया कि इस काम के लिए उन्हें मौलाना जहांगीर (Maulana Jahangir) और उमर गौतम (Maulana Omar Gautam) ने कहा था। फिर जब  कड़ियां खुलीं तो बड़ी साजिश सामने आ गयी। पता चला कि दोनों मौलाना विदेश से पैसा लेकर देश में धर्म परिवर्तन का रैकेट चला रहे हैं। वो अब तक कम से कम एक हजार हिन्दुओं को मुसलमान बना चुके हैं। इस काम के लिए पकिस्तान (Pakistan) की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई (ISI) से पैसा भारत (India) तक पहुंचाया जाता रहा है।

धर्म अपनाना संविधान (Constitution of India) में दी गयी स्वतंत्रताओं में से एक है। लेकिन यही काम साजिश के तहत कराना जुर्म भी है। कैराना से लेकर लखनऊ तक की गतिविधियों को इस रैकेट के सन्दर्भ में आसानी से समझा जा सकता है। शायद इसकी इब्तेदा उस समय हुई, जब कैराना का एक अल्पसंख्यक रातों-रात सोशल मीडिया पर हिन्दू असहिष्णुता का प्रतीक बना दिया गया। लड़के के मुताबिक़ वह पानी पीने मंदिर में गया। वहां उसके साथ मारपीट की गयी। एक झटके में पूरे देश में कठुआ वाले मंदिर की ही तरह कैराना के मंदिर को निशाने पर ला दिया गया। तो जो दो लड़के कैराना के मंदिर में ही पुजारी पर हमला करने के लिए ट्रेंड किये गए, क्या उन्हें बदले की भावना से नहीं भरा गया होगा? क्या यह किसी को भड़का कर आतंकवादी बनाने जैसी साजिश का छोटा स्वरुप नहीं रहा होगा? इस तरह से ब्रेन वाश करना बहुत आसान हो गया है। इसी मामले में देखिये। विदेश से पैसा लेकर धार्मिक विखण्डन के एजेंडे पर चल रहा मौलाना उमर पहले हिन्दू ही था। तब उसका नाम श्याम प्रकाश सिंह (Shyam Prakash Singh) था। आज वह श्याम की बजाय उमर बनकर हिन्दुओं के खिलाफ षड़यंत्र को आगे बढ़ाने का काम कर रहा है।

इस काम को ज्यादा से ज्यादा विनाशक श्रेणी का बनाने के लिए ही मुमकिन है कि कैराना के मंदिर का हमले के लिए चयन किया गया हो।एसआईटी (SIT) की जांच में खौफनाक बात यह भी दिखी है कि पाकिस्तान में भारत और भारतीयता की कट्टर दुश्मन आईएसआई के पैसे से धर्मान्तरण का यह खेल चलाया जा रहा था। आईएसआई के लिए यह बता दें कि हमारे देश में होने वाली हरेक आतंकवादी वारदात के तार कहीं- न-कहीं और किसी-न- किसी रूप में इस एजेंसी से जरूर जुड़ते हैं। ये संगठन सीमा के इस और उस पार, दोनों ही जगह भारत के खिलाफ अपने अभियान को हर कीमत पर जारी रखता है। ये आईएसआई ही है, जिसकी बदौलत पाकिस्तान सारी दुनिया के आतंकवादियों के लिए जन्नत और सबसे सुरक्षित पनाहगाह बना हुआ है। तो सोचिये कि जो एजेंसी हमारे देश के लिए इतने खतरनाक तरीके से आगे बढ़ रही है, उसके एजेंडे में इस धर्मान्तरण के जरिये भारत में किस विष बेल के पनपाने की साजिश को अंजाम दिया जा रहा होगा।इस मामले की तह तक जाना बहुत आवश्यक है। क्योंकि यह बहुत संभव है कि उत्तरप्रदेश की ही तरह देश के अन्य हिस्सों में भी इस तरह के षड़यंत्र को अन्जाम दिया जा रहा हो।

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