सिद्धू ने अपनी ही सरकार के सामने रखे पांच प्रमुख मुद्दे, कृषि कानूनों को भी खारिज करने की मांग

ताजा खबर : चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने राज्य के समक्ष पांच ‘ प्रमुख मुद्दे’ गुरुवार को फिर उठा दिये हैं। जबकि कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Chief Minister Amarinder Singh) ने उनसे कहा था कि उनकी सरकार उन्हें सुलझाने के करीब है। नये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने जालंधर में कहा कि कांग्रेस आलाकमान (Congress high command) के 18 सूत्री कार्यक्रम को लागू किया जाएगा। उन्होंने कांग्रेस शासित राज्यों से पिछले साल केंद्र द्वारा बनाये गये तीन कृषि कानूनों (three agricultural laws) को ‘खारिज’ करने का भी आह्वान किया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किये जाने के बाद मंगलवार को अमरिंदर सिंह के साथ अपनी पहली मुलाकात के दौरान सिद्धू और पार्टी के चार कार्यकारी अध्यक्षों ने मुख्यमंत्री को 18 सूत्री कार्यक्रम एवं पांच प्राथमिक क्षेत्रों की याद दिलाई थी। दरअसल जब सिद्धू के साथ टकराव के दौरान सिंह दिल्ली गये थे तब उन्हें पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने कथित रूप से इन 18 बिंदुओं के बारे में कहा था।
सिद्धू के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से 2015 में हुई गुरूग्रंथ साहिब की बेअदबी, प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की गोलीबारी, मादक पदार्थों की तस्करी में ‘ बड़ी मछलियों’ की गिरफ्तारी, विद्युत खरीद समझौते को रद्द करने, केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों को खारिज करने तथा सरकारी कर्मचारियों की मांगें स्वीकार करने पर ‘तत्काल कार्रवाई’ की मांग की थी। जालंधर में बृहस्पतिवार को सिद्धू ने फगवाड़ा, भोलाथ, सुलतानपुर लोधी और कपूरथला के पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ संवाद किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने पार्टी नेतृत्व के 18 सूत्री एजेंडे के पांच प्राथमिक क्षेत्रों को मुख्यमंत्री के सामने उठाया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कृषि कानूनों के संदर्भ में कहा, ये काले कानून अवैध, असंवैधानिक हैं और संघीय ढांचे federal structure() पर हमला हैं। जिस तरह SYL मुद्दे पर किया गया, उसी तरह पंजाब सरकार को यह घोषणा करते हुए इन कानूनों को खारिज कर देना चाहिए कि उन्हें लागू नहीं किया जाएगा। किसानों को सब्सिडी प्राप्त बिजली के मुद्दे पर सिद्धू ने अमरिंदर सिंह का परोक्ष समर्थन किया। उन्होंने कहा, यदि आप दिल्ली मॉडल को देखें तो दिल्ली में 1700 करोड़ रूपये की सब्सिडी दी जा रही है जबकि पंजाब में यह 10,000 करोड़ रूपये है।