बंगाल में दो धड़ों में बंट रही बीजेपी: शुभेंदु ने की राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग, राजीव बनर्जी ने शुरू किया विरोध

ताजा खबर: कोलकाता। पश्चिम बंगाल (West Bengal) में विधानसभा चुनाव (Assembly elections) खत्म होने के बाद भाजपा में अंतर्कलह शुरू हो गई है। एक ओर जहां पार्टी के कई नेता बिगड़ती कानून व्यवस्था (Law and order) का सहारा लेकर राज्य में राष्ट्रपति शासन (President’s Rule) की मांग कर रहे हैं तो दूसरी तरफ कुछ कुछ नेता विरोध में आ गए हैं। बंगाल के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी (Subhendu Adhikari) ने दिल्ली जाकर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की बात कही तो दूसरी तरफ पार्टी के नेता और उनके सहयोगी राजीव बनर्जी (Rajiv Banerjee) ने सोशल मीडिया (social media) का सहारा लेकर राष्ट्रपति शासन की मांग विरोध शुरू कर दिया। इस बीच अब यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि ममता का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले कई नेताओं के बयानों से ‘घर वापसी’ की इच्छा जाहिर होते दिखी। अब राष्ट्रपति शासन के बयान इस अंदरूनी कलह को और बढ़ाने का काम कर रहे हैं।
‘बंगाल की हालत आर्टिकल 356 से भी खराब’
न सिर्फ सुवेंदु अधिकारी बल्कि बराकपुर से बीजेपी सांसद अर्जुन सिंह (Arjun Singh) ने भी मीडिया में दिए बयान में आर्टिकल 356 (Article 356) का जिक्र किया। मंगलवार को अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात के बाद सुवेंदु अधिकारी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘अभी हमें इंतजार करना होगा (राष्ट्रपति शासन के लिए)। मैंने गृहमंत्री को स्थिति से अवगत करा दिया है। स्थिति आर्टिकल 356 से भी खराब है।’
बंगाल को राष्ट्रपति शासन की जरूरत- अर्जुन सिंह
इसी तरह कोलकाता में दिलीप घोष (Dilip Ghosh) की ओर से बुलाई गई संगठन बैठक में शामिल हुए अर्जुन संह ने भी राष्ट्रपति शासन की मांग को लेकर अपना रुख स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि बंगाल के लोगों को बचाने के लिए आर्टिकल 356 की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘हमें आत्मरक्षा का अधिकार है। इसके लिए अनुच्छेद 356 लागू करने की आवश्यकता है। और कोई रास्ता नहीं है। हम केंद्र से कह रहे हैं कि अनुच्छेद 356 लागू करें अन्यथा लोगों को बचाया नहीं जा सकता है।’
‘राष्ट्रपति शासन की धमकी को बंगाल के लोग पसंद नहीं करेंगे’
अपने साथियों से असहमति जताते हुए राजीव बनर्जी ने फेसबुक पर पोस्ट लिखी। उन्होंने कहा कि लोग भारी जनादेश से चुनी गई गई सरकार के खिलाफ राष्ट्रपति शासन की धमकी को पसंद नहीं करेंगे। राजीव ने लिखा, ‘हम आलोचना में लगे हुए हैं। अगर हम एक चुनी हुई सरकार और मुख्यमंत्री की आलोचना लगातार जारी रखेंगे तो इससे नुकसान होगा। आर्टिकल 356 के आह्वान से बंगाल के लोग हमारा समर्थन करना बंद कर देंगे। फिलहाल हमें राजनीति से ऊपर उठकर कोविड और चक्रवास यास से प्रभावित लोगों के साथ खड़ा होना है।’