नाथ को शिवराज ने फिर घेरा, बोले- जवाब देने तक पूछता रहूंगा बार-बार एक ही सवाल
शिवराज ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री रहते हुए, 2017 में अत्यंत पिछड़ी जनजाति की बहने, जो जनजाति समाज से आती थी। उनको मुख्यमंत्री आहार अनुदान योजना के लिए 1000 रुपए देना शुरु किया था।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पीसीसी चीफ कमलनाथ के बीच बीते एक महीने से सवाल और जवाब का दौर जारी है। इसी कड़ी में शिवराज ने सोमवार को कमलनाथ से एक बार फिर सवाल पूछा है। उन्होंने सवाल किया है कि मैं एक सवाल उनसे बार-बार पूछ रहा हूं, लेकिन वह जवाब नहीं दे रहे है। जब तक वह हमारे सवाल का जवाब नहीं देंगे, तब तक मैं उनसे यह सवाल पूछता रहूंगा।
शिवराज ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री रहते हुए, 2017 में अत्यंत पिछड़ी जनजाति की बहने, जो जनजाति समाज से आती थी। उनको मुख्यमंत्री आहार अनुदान योजना के लिए 1000 रुपए देना शुरु किया था। सरकार में आते ही आपने उन गरीब बहनों से क्यों छीन लिए। इसका जवाब जब तक वह नहीं दे देते तो मैं उनसे यह सवाल पूछता रहूंगा।
झूठा वादा करके लिया था वोट
सीएम ने कहा कि वह जवाब नहीं दे रहें है। उन्होंने बहनों से एक हजार रुपए छुड़ा लिये। बहनों को धोखा दिया। उनके साथ छल-कपट किया। और अब बहनों की बात करते हैं। सीएम ने कहा कि वचन पत्र में कमलनाथ जी आपने वादा किया था। गंभीर रूप से बीमार महिलाएं, जो काम करने की क्षमता खो चुकी हैं, उनको जीवन भर, भरण पोषण के लिए योजना बनाएंगे। कौन सी योजना बनाई? जो योजना बनी थी वह छीन ली और झूठा वादा करके उस समय वोट ले लिए, जनता को जवाब देना चाहिए।
भ्रष्टाचार मत करों कार्रवाई नहीं होगी
विपक्ष के नेताओं के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के गलत इस्तेमाल करने के आरोप पर सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री की सोच है कि कोई गड़बड़ करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। फिर चाहे वह कितना भी बड़ा हो। अब प्रधानमंत्री को पत्र लिखने की वजह भ्रष्टाचार मत करो। भ्रष्टाचार नहीं करोगे तो कार्रवाई नहीं होगी।