विदेश

चुनाव नहीं, फिलहाल इस बात पर फोकस पाकिस्तान की नयी सरकार का

इस्लामाबाद। पाकिस्तान मुस्लिम लीग (पीएमएल-एन) (PML-N) के नेताओं ने देश में जल्दी चुनाव नहीं कराने का फैसला किया और आर्थिक निर्णय लेकर लोगों को आर्थिक राहत प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया है।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Nawz Sharif) के बीच लंदन (London) में हुई बैठक में पीएमएलएन के ख्वाजा आसिफ, मिफ्ता इस्माइल, मरियम औरंगजेब, अट्टा तरार, राणा सनाउल्लाह, इशाक डार, अयाज सादिक सहित अन्य वरिष्ठ नेता शामिल थे।
जानकारी के अनुसार, इस बैठक में नवाज शरीफ को पाकिस्तान में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्थिति के बारे में बताया गया।
नवाज शरीफ ने पार्टी के सभी नेताओं से जल्द चुनाव कराने सहित विभिन्न मुद्दों पर सुझाव मांगे, जिसपर सभी नेताओं ने सहमति व्यक्त की कि पीएमएलएन को शेष कार्यकाल में आर्थिक एजेंडा लागू करना चाहिए और फिर गठबंधन सहयोगियों से बातचीत करके अगले चुनावों की घोषणा करनी चाहिए।
इसी बीच, मरियम औरंगजेब ने कहा कि पीटीआई नेताओं द्वारा तीन अप्रैल से 12 अप्रैल के बीच किए गए संवैधानिक उल्लंघनों पर चर्चा हुई, जिसका उदाहरण पंजाब में अभी भी जारी है।

उन्होंने कहा कि अंतिम निर्णय दूसरे और अंतिम सत्र में लिया जाएगा, जो गुरुवार को होगा और फिर औपचारिक घोषणा की जाएगी।
पीटीआई को कोर्ट से लगा यह झटका
दूसरी तरफ एक और महत्वपूर्ण घटनाक्रम में

पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) (Election Commission of Pakistan) (ECP) ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) (PTI) के प्रस्ताव को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने (पीटीआई) नेशनल असेंबली के अपने 20 असंतुष्ट सदस्यों को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी। पार्टी ने कहा था कि इन सदस्यों ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान नहीं किया था।
मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान राजा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय ईसीपी पीठ ने सर्वसम्मति से कहा कि 20 असंतुष्ट सदस्यों के मामले में दलबदल के आधार पर अयोग्यता से निपटने वाले संविधान का अनुच्छेद 63-ए लागू नहीं है।
ईसीपी ने पीटीआई के वकील द्वारा प्रस्तुत शाह महमूद कुरैशी और असद उमर सहित पीटीआई नेताओं के बयान दर्ज करने और अधिक सबूत जमा करने के लिए पीटीआई के आवेदन को भी खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा कि आयोग के पास संविधान और कानून के तहत किसी भी रिकॉर्ड को तलब करने या निष्पक्ष और न्यायपूर्ण निष्कर्ष के लिए किसी गवाह को बुलाने की शक्तियां हैं।

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