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छत्‍तीसगढ़ के निलंबित एडीजीपी पर राजद्रोह का केस, जाने पूरा मामला

ताजा खबर: रायपुर।  छत्तीसगढ़ में रायपुर (Raipur in Chhattisgarh) जिले की पुलिस ने निलंबित अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) गुरजिंदर पाल सिंह उर्फ जीपी सिंह (Gurjinder Pal Singh alias GP Singh)  के खिलाफ राजद्रोह का मामला (treason case) दर्ज किया है।

रायपुर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय यादव (Ajay Yadav) ने शुक्रवार को बताया कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) के एक पत्र के आधार पर कोतवाली थाने की पुलिस ने सिंह के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया।

यादव ने बताया कि एसीबी ने एक पत्र लिखकर पुलिस को जानकारी दी थी कि सिंह के निवास स्थल की तलाशी के दौरान घर के पिछले हिस्से में कुछ कागजों के फटे हुए टुकड़े मिले थे। जब इन टुकड़ों को मिलाकर कर (री-अरेंज कर) देखा गया तो कुछ गंभीर और संवेदनशील तथ्यों की जानकारी मिली।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि एसीबी के अनुसार इन कागजों में प्रतिष्ठित राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के संबंध में अनर्गल एवं आपत्तिजनक टिप्पणियां है तथा षड्यंत्रकारी योजनाओं के बारे में लिखा गया है। इनमें राज्य के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के प्रतिनिधियों/उम्मीदवारों के संबंध में गोपनीय जानकारी है तथा उस क्षेत्र से संबंधित गंभीर मुद्दों पर टिप्पणियां की गई हैं।

साथ ही विभिन्न शासकीय योजनाओं, नीतियों तथा सामाजिक, धार्मिक मुद्दों पर गंभीर टिप्पणियां भी की गई हैं। इस तरह की भड़काऊ बातें लिखी गई है कि जिनसे सरकार के प्रति घृणा, असंतोष उत्पन्न हो, इसके अतिरिक्त विभिन्न धर्म मूल वंशों के संबंध में भी आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं।

यादव ने बताया कि एसीबी के अनुसार सिंह के करीबी मित्र एवं सहयोगी मणि भूषण (Mani Bhushan) के निवास की भी तलाशी ली गई और वहां से एक लिफाफे में निर्वाचित जनप्रतिनिधि, अधिकारी, शासन की नीति, योजनाओं के खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणी से संबंधित दस्तावेज बरामद हुए। भूषण रायपुर का निवासी है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि एसीबी के पत्र के आधार पर पुलिस ने सिंह के खिलाफ राजद्रोह और भारतीय दंड संहिता की धारा 153-क के तहत मामला दर्ज कर लिया है। मामले की जांच की जा रही है।





बता दें कि राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने निलंबित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी जीपी सिंह और उसके निकट संबंधियों के ठिकानों पर पिछले दिनों छापा मारकर लगभग 10 करोड़ रुपये की अनुपातहीन संपत्ति का पता लगाया था। इस कार्रवाई के बाद राज्य सरकार ने सिंह को निलंबित कर दिया था।

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