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कोरोना पर वैज्ञानिकों ने कहा: वैक्सीन लगवाने के बाद भी हो सकता है कोरोना संक्रमण

नई दिल्ली । दुनिया भर में पिछले एक साल से कोरोना वायरस का कहर जारी है। कोरोना संक्रमण की रफ्तार एक बार फिर बेकाबू हो गई है। भारत, अमेरिका, रूस और ब्रिटेन समेत ज्यादातर देशों में महामारी पर नियंत्रण पाने के लिए लोगों का तेजी से टीकाकरण किया जा रहा है। कोविड-19 वैक्सीन लगवाने के बाद भी हो सकता है कोरोना संक्रमण?

कोरोना वायरस से दोबारा संक्रमित, कोविड वैक्सीन लगने के बाद संक्रमित होना और वायरस के प्रसार की रोकथाम को लेकर भारतीय चिकित्सा और वैज्ञानिक संस्थान ने कुछ तथ्यों को सामने रखा है। गुरुवार को कुछ लोगों ने ‘इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च’ के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक अध्ययन का विवरण प्रकाशित किया, जिसमें कहा गया है कि 4.5 फीसदी पुन: संक्रमण दर है। हालांकि, इस अध्ययन में पहले और दूसरे संक्रमण के जीनोम का विश्लेषण नहीं किया गया है।

‘इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च’ के वैज्ञानिकों की ओर से किए गए अध्ययन में कहा गया है कि देश में एक बार फिर कोरोना संक्रमण के मामलों में भारी उछाल और नए कोविड स्ट्रेन चिंता का विषय हैं। महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में हालात भयावह होते जा रहे हैं। ऐसे में कोरोना वायरस से दोबारा संक्रमण की दर 4.5 फीसदी है, जो और बढ़ सकती है।




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दूसरी खुराक देने का अंतराल बढ़ाया जाए
अध्ययन में कहा गया कि कुछ रिपोर्ट हैं, जिनसे पता चलता है कि डॉक्टर कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके हैं, जोकि निर्धारित की गईं हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक, कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाने के बाद दो हफ्ते बाद शरीर में एंटीबॉडी बनती हैं। ऐसे में अध्ययन में कोविशील्ड वैक्सीन की दूसरी डोज को देने में अंतराल को बढ़ाने की सिफारिश की गई है ताकि प्रतिरक्षा को अधिकतम किया जा सके।

बता दें कि भारतीय कोविड वैक्सीन के 70 से 80 फीसदी प्रभावी होने का दावा किया जा रहा है। वहीं कोविड वैक्सीन निमार्ता कंपनियों के दावे के मुताबिक,कोरोना से होने वाली मौतों को रोकने के लिए सौ फीसदी प्रभावी हैं। कोरोना की दूसरी लहर के दौर में संक्रमण की अपेक्षा मौतों की संख्या कम होना राहत की बात है।

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