रूस – यूक्रेन युद्ध : कच्चा तेल जा सकता है 100 डॉलर के पार, नेचुरल गैस की कीमतों में इजाफा भी संभव
नई दिल्ली – विश्व के दो बड़े देश रूस और यूक्रेन युद्ध के मुहाने पर खड़े हैं। जानकारों के मुताबिक हालात ऐसे हो गए है कि दोनों देशों के बीच युद्ध कभी भी छिड़ सकता है। युद्ध के तनाव के दुनिया भर में क्रूड ऑइल बाजार में भारी उथल – पुथल मची हुई है। मुख्य क्रूड ऑइल उत्पादक देश रूस हर दिन एक करोड़ बैरल तेल का उत्पादन करता है, जो वैश्विक मांग की 10 फीसदी की पूर्ति करता है। वहीं यूरोप भी नेचुरल गैस का सबसे बड़ा सप्लायर देश है। रूस – यूरोप के बीच छिड़े हालातों के बीच अगर नेचुरल गैस की सप्लाई लाइन बिगड़ती है, तो ईंधन की कीमतें में तेजी से इजाफा संभव है। युद्ध के हालातों के के बीच मांग के मुकाबले सप्लाई नहीं हो पाने के कारण क्रूड ऑयल की कीमत 90 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गई है। एक्सपर्ट के मुताबिक अगर हालात ऐसे ही रहे तो यह कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल का आंकड़ा भी पार कर जाएगी। सोमवार को भी ऑइल मार्केट में करीब 2 फीसदी की तेजी आई है। यूरोपीय देशों की बात की जाए तो वहां नेचुरल गैस कीमतों में 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
33% यूरोप की नेचुरल गैस आती है रूस से
युद्ध का सबसे बड़ा खतरा नेचुरल गैस की सप्लाई चेन के डैमेज होने की संभावना को लेकर है। रूस यूक्रेनियन पाइपलाइन के जरिए यूरोप को कुल नेचुरल गैस का एक तिहाई यानी की लगभग 33% सप्लाई करता है। क्योंकि यह सप्लाई चेन प्रभावित होती है तो फिर बिजली उत्पादन में कटौती करनी पड़ सकती है साथ ही कारखानों को भी बंद करना पड़ सकता है। और अगर ऐसा होता है तो दुनिया भर के शेयर मार्केट में और ज्यादा गिरावट आएगी।
कंसल्टिंग फर्म रिस्टैड एनर्जी के मुताबिक सिर्फ युद्ध का संभावित खतरा ही कीमतों में तेजी ला सकता है। बहुत से लोग कोरोना वजह से पब्लिक ट्रांसपोर्ट छोड़कर प्राइवेट व्हीकल का ज्यादा इस्तेमाल करने लगे हैं। इस वजह से मांग में और ज्यादा इजाफा हो गया है। इसे देखते हुए अमेरिकी ऑइल कंपनियां धीरे-धीरे प्रोडक्शन बढ़ा रही हैं।