ग्वालियर-चंबल में जल प्रलय: बाढ़ में फंसे 8000 लोगों का हुआ रेस्क्यू, सीएम ने भी देखी तबाही

ताजा खबर: भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya pradesh) के ग्वालियर-चंबल (Gwalior-Chambal) में बीते एक हफ्ते से भारी बारिश (Havy Rain) का दौर जारी है। शिवपुरी, श्योपुर, दतिया, ग्वालियर, गुना, भिंड और मुरैना जिलों के हाल बेहाल हो गए गए हैं। लगातार हो रही तेज बारिश के सूबे की सारी नदियों ने रौद्र रूप धारण कर लिया है, जिसके कारण कई पुल भी नदियों में समाहित हो गए हैं। इस बीच भीषण बाढ़ से मची तबाही को देखने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने हवाई सर्वे किया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में अतिवृष्टि और बाढ़ से शिवपुरी, श्योपुर, दतिया, ग्वालियर, गुना, भिंड और मुरैना जिलों के कुल 1225 ग्राम प्रभावित हैं। अब तक श्योपुर जिले के 32 गांवों से 1500 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। इसी प्रकार शिवपुरी के 90 गांवों से 2000 और दतिया, ग्वालियर, मुरैना, भिंड के 240 गांवों से एसडीईआरएफ, एनडीईआरएफ, आर्मी तथा बीएसएफ ने मिलकर लगभग 5,950 लोगों को सुरक्षित निकालने में सफलता प्राप्त की है।
श्योपुर में संचार सेवा ठप
अभी तक की जानकारी के अनुसार 1950 लोगों को निकालने के प्रयास जारी हैं। खराब मौसम के कारण कल एयर फोर्स के हेलीकॉप्टर (air force helicopter) को बचाव कार्य में कठिनाई आ रही थी। आज फिर हेलीकॉप्टरों ने बचाव कार्य शुरू किया है। CM ने कहा कि शिवपुरी और श्योपुर में कल तक ही लगभग 800 मिली मीटर बारिश हो चुकी है। यह अप्रत्याशित स्थिति है। श्योपुर जिले में संचार व्यवस्था पूरी तरह से ठप्प हो चुकी है।
आपदा प्रबंधन की टीमें और सेना की टीमें सक्रिय
मुख्यमंत्री ने कहा कि एनडीईआरएफ (NDERF) की 3 टीमें पहले से बचाव कार्य में लगी थीं, दो टीमें और आ रही हैं। आर्मी (Army) के चार कॉलम और एसडीईआरएफ (SDERF) की 70 से अधिक टीमें जिला प्रशासन के साथ बचाव कार्य में लगी हुई हैं। अब तक एयरफोर्स के चार हेलीकॉप्टर ग्वालियर में और एक शिवपुरी में बचाव कार्य में लगा हुआ है।
पार्वती नदी का जल स्तर हो रहा कम
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अब वर्षा कम होने से पार्वती नदी (Parvati River) का जल स्तर कम होना आरंभ हुआ है। ग्वालियर में 46 गाँव प्रभावित हैं, 17 रेस्क्यू स्थल बनाए गए हैं और तीन हजार लोगों को राहत शिविरों में रखा गया है। दतिया में सेना पहुंच गई है। जिले के 36 गांव प्रभावित हैं, 18 रेस्क्यू स्थल (rescue site) बनाए गए हैं, लगभग 1100 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। यहां मंदिर में फंसे पुजारी को मोटर वोट भेज कर बचा लिया गया है। सभी मुख्य मार्ग बंद हैं। NH-3 भी सुरक्षा की दृष्टि से बंद किया गया है।
शिवपुरी के 22 गांव प्रभावित
वहीं रतनगढ़ का पुल क्षतिग्रस्त हुआ है। शिवपुरी में 22 गांव प्रभावित हुए हैं। बचाव कार्य जारी है, 801 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। श्योपुर में ज्वालापुर, खेरावत, मेवाड़ा और जाटखेड़ा गांव पूरी तरह से पानी से घिरे हुए थे। यहाँ जल स्तर घट रहा है। सेना गाँवों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। पानी अधिक होने और पुलों के क्षतिग्रस्त होने के कारण सेना को रास्ता बनाते हुए आगे बढ़ना पड़ रहा है। लेकिन लोग सुरक्षित हैं। जल स्तर घट रहा है। जीवन को खतरा नहीं है।
चंबल नदी में पानी बढ़ने से भिंड और मुरैना में सर्तकता जरूरी
मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि चंबल नदी (Chambal River) में लगातार पानी बढ़ रहा है। कोटा बैराज से छोड़े गये पानी से भी जल स्तर और बढ़ेगा। भिंड और मुरैना जिले के लिये यह चिंता का विषय है। इन जिलों के निचले इलाकों में बसे गाँवों को खाली कराने का काम लगातार जारी है। भिंड में 800 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। मुरैना में सावधानी के तौर पर गाँव खाली कराये जा रहे हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने का प्रयास किया जा रहा है। सिंध नदी में भी लगातार पानी बढ़ रहा है।
राहत कैंप और भोजन व्यवस्था के लिए कार्य जारी
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि राहत के लिए कैंप और भोजन व्यवस्था की जा रही है। मैं निरंतर केंद्र सरकार (central government) के संपर्क में हूँ। प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) से आज भी फोन पर चर्चा हुई है। उन्हें स्थिति से अवगत कराया गया है। गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah से भी चर्चा हुई है। केंद्र के सहयोग से ही लोगों को एयर लिफ्ट करने की व्यवस्था बन पाई है।