अन्य खबरें
एक आदेश का खुद सुप्रीम कोर्ट को भी लग रहा इतना बुरा

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय (Supreme Court of India) ने ओडिशा (Odisha) की धर्मनगरी पुरी (Puri) एवं कुछेक जगहों को छोड़कर अन्य स्थानों पर रथयात्रा (Rath Yatra) निकालने संबंधी पाबंदी को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई से मंगलवार को इनकार कर दिया।
मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन (Chief Justice NV Raman) की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने विश्व गो सुरक्षा वाहिनी (Vishw go suraksha wahini) की अपील खारिज करते हुए कहा कि राज्य सरकार के संबंधित आदेश को लेकर उसे भी बुरा लग रहा है, लेकिन यह सरकार का नीतिगत फैसला है तथा विशेषज्ञता के अभाव में वह इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकती।
न्यायमूर्ति रमन ने पूर्व की भांति अगले साल रथयात्रा आयोजित करने की उम्मीद जताते हुए कहा, “इस (कोविड के) मामले में अपना ज्ञान न दें। सरकार को अपने निर्णय पर अमल लेने दें।’’
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि उन्हें भी खराब लग रहा है, लेकिन वह कुछ नहीं कर सकते। उन्होंने कहा, “आप और मैं कोविड-19 (Covid-19) के बारे में भविष्यवाणी नहीं कर सकते। आप अपना ज्ञान न दें। मुझे भी (रथयात्रा न होने से) खराब लग रहा है, लेकिन हम कुछ नहीं कर सकते। हमें उम्मीद ही नहीं बल्कि भरोसा भी है कि ईश्वर कम से कम अगली रथयात्रा की अनुमति जरूर देंगे।”
ओडिशा सरकार के विशेष राहत आयुक्त के कार्यालय द्वारा एक आदेश जारी किया गया था, जिसके तहत रथयात्रा पिछले साल की भांति ही कुछेक क्षेत्रों में ही निकाली जायेगी, इसे उड़ीसा उच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी थी, लेकिन वहां से भी याचिकाकर्ताओं को राहत नहीं मिली थी।
उसके बाद याचिकाकर्ताओं ने शीर्ष अदालत का रुख किया था, लेकिन यहां भी उन्हें कामयाबी हासिल नहीं हुई।
मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन (Chief Justice NV Raman) की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने विश्व गो सुरक्षा वाहिनी (Vishw go suraksha wahini) की अपील खारिज करते हुए कहा कि राज्य सरकार के संबंधित आदेश को लेकर उसे भी बुरा लग रहा है, लेकिन यह सरकार का नीतिगत फैसला है तथा विशेषज्ञता के अभाव में वह इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकती।
न्यायमूर्ति रमन ने पूर्व की भांति अगले साल रथयात्रा आयोजित करने की उम्मीद जताते हुए कहा, “इस (कोविड के) मामले में अपना ज्ञान न दें। सरकार को अपने निर्णय पर अमल लेने दें।’’
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि उन्हें भी खराब लग रहा है, लेकिन वह कुछ नहीं कर सकते। उन्होंने कहा, “आप और मैं कोविड-19 (Covid-19) के बारे में भविष्यवाणी नहीं कर सकते। आप अपना ज्ञान न दें। मुझे भी (रथयात्रा न होने से) खराब लग रहा है, लेकिन हम कुछ नहीं कर सकते। हमें उम्मीद ही नहीं बल्कि भरोसा भी है कि ईश्वर कम से कम अगली रथयात्रा की अनुमति जरूर देंगे।”
ओडिशा सरकार के विशेष राहत आयुक्त के कार्यालय द्वारा एक आदेश जारी किया गया था, जिसके तहत रथयात्रा पिछले साल की भांति ही कुछेक क्षेत्रों में ही निकाली जायेगी, इसे उड़ीसा उच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी थी, लेकिन वहां से भी याचिकाकर्ताओं को राहत नहीं मिली थी।
उसके बाद याचिकाकर्ताओं ने शीर्ष अदालत का रुख किया था, लेकिन यहां भी उन्हें कामयाबी हासिल नहीं हुई।