28 अतिक्रमणकारियों के कब्जे में विवि की 14 एकड़ भूमि, सीमांकन के बाद भी नहीं खाली करा पा रहा है प्रबंधन
रीवा। रीवा शहर में स्थित अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय का बड़ा भूभाग अतिक्रमण की चपेट में है। कई जगह पक्के मकान बने है, तो वहीं कही पर बाउंड्रीवाल, तार फेंसिंग व टीन सेड बनाकर अवैध कब्जा किया गया है। करीब 14 एकड़ भूमि 28 अतिक्रमणकारियों के कब्जे में है। जिसे खाली करा पाने में विवि प्रबंधन असफल साबित हो रहा है।
अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय का क्षेत्रफल 258 एकड़ एरिया में फैला हुआ है। इसमें 11 एकड़ जमीन पर एपीएसयू स्टेडियम है। इसके साथ ही कई जगह कॉलोनियों से सटी जमीन पर अतिक्रमण पैर पसार रहा है। अमिक्रमण वाली जगह में विवि प्रबंधन ने जिला प्रशासन की मदद से सीमांकन कराया। इसके बाद प्रशासन ने 28 लोगों का अतिक्रमण चिन्हित किया है।
अतिक्रमणकारियों के खिलाफ धारा 239 के तहत बेदखली कार्यवाई के लिये नोटिस जारी की गई। लेकिन यह सब कागजी ही साबित हुये। आज तक उक्त भूमि से अतिक्रमण नहीं हट पाया है। बताया गया है कि सबसे अधिक कब्जा विश्वविद्यालय की जमीन से लगी कॉलोनी कैलाश पुरी, गायत्री नगर में है, जहां अतिक्रमण कर पक्का निर्माण कराया गया है। साथ ही परशुराम आश्रम के पीछे खसरा क्रमांक 1071 में भी अतिक्रमण है, जिसे खाली कराने में विवि प्रबंधन को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
गौरतलब है कि विगत 4 फरवरी को विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा अतिक्रमित जमीन पर बाउंड्री वाल का निर्माण कराया जा रहा था। इसी बीच अवैध तरीके से विश्वविद्यालय की जमीन पर बेजा कब्जा कर घर बना चुके वह लोग जिन्हें अतिक्रमित के तौर पर चिन्हित किया गया था उनके द्वारा विरोध शुरू कर दिया गया। इतना ही नहीं विरोध यहां तक पहुंच गया कि विश्वविद्यालय प्रबंधन को पुलिस को सूचना देनी पड़ी। बताया जाता है कि वहां मौजूद लोगों द्वारा बाउंड्रीवाल का निर्माण कार्य रोक दिया था। साथ ही मिट्टी का तेल डालकर आत्महत्या करने की धमकी दे रहे थे। बाद में समझाइश के बाद मामला शांत हो सका किंतु अब तक अतिक्रमणकारियों के कब्जे से जमीन को मुक्त कराने में विश्वविद्यालय प्रबंधन पूरी तरह से असफल साबित हो रहा है।
नोटिस तक सीमित रह गई कार्रवाई
करीब 8 माह पूर्व विवि प्रबंधन ने जिला प्रशासन की मदद से अपनी भूमि का सीमांकन कराया था। इस दौरान ही 28 अतिक्रमणकारी चिन्हित किये गये थे। जिन्हें बेदखली का नोटिस जारी किया गया था और कुछ दिनों के भीतर जगह खाली करने को कहा गया था। लेकिन अतिक्रमणकारी तस से मस नहीं हुये। लिहाजा विवि प्रबंधन की यह कवायद भी कागजों तक ही सीमित रह गई।
हो चुका है जुर्माना
गौरतलब है कि अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय की जमीन का कई बार तहसीलदार एवं राजस्व विभाग द्वारा सीमांकन किया गया। सीमांकन के दौरान लगभग 28 अतिक्रमणकारियों को चिन्हित किया गया था, जिन्हें जुर्माना भी किया गया। इसके बाद भी भू माफिया के हौंसले बुलंद है। वह विश्वविद्यालय की जमीन को खाली करने से कतरा रहे हैं। यही नहीं लगातार भू माफिया उन क्षेत्रों में भी कब्जा करने का प्रयास कर रहा है जहां की जमीन खाली पड़ी है।