भोपालमध्यप्रदेश

कुबेरेश्वर धाम की बढ़ेंगी मुश्किलें: एनएचआरसी ने एक हफ्ते में इन पांच बिंदुओं पर जिम्मेदारों से मांगा जवाब

चमत्कारी रुद्राक्ष लेने के लालच में मध्यप्रदेश के सीहोर में प्रदेश ही नहीं देश भर से लोग आ पहुंचे थे। लेकिन व्यवस्था नहीं होने के कारण अधिकांश लोग खाने पीने को भी मजबूर नजर आए।

भोपाल। छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम सरकार के प्रमुख धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के बाद अब सीहारे के कुबेरेश्वर धाम के प्रमुख पंडित प्रदीप मिश्रा इन दिनों चर्चा में हैं। दरअसल उन्होंने बीते दिनों धाम में चमत्कारिक रुद्राक्ष वितरण कार्यक्रम आयोजित किया था। चमत्कारिक रुद्राक्ष पाने इतनी भीड़ उमड़ी की पूरा सीहोर शहर ही अस्त-व्यस्त हो गया। रुद्राक्ष वितरण के दौरान मची भगदड़ में दो महिलाओं और एक तीन साल के बच्चे की मौत भी हो गई। इतना ही नहीं, इंदौर-भोपाल स्टेट हाइवे पर घंटो 20 किलो मीटर लंबा जाम भी लगा रहा।

अब इस पूरे मामले में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने संज्ञान लेते हुए सीहोर कलेक्टर प्रवीण सिंह और एसपी मयंक अवस्थी से जवाब मांगा है। आयोग के सख्त रुख से माना जा रहा है कि इसके बाद कुबेरेश्वर धाम की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। आयोग के अध्यक्ष मनोहर ममतानी ने पांच बिंदुओं पर 1 सप्ताह के भीतर प्रतिवेदन के साथ जवाब तलब किया है।

आयोग ने किए यह सवाल

  • कितनी संख्या में भक्तों के शामिल होने और वाहन की व्यवस्था के संबंध में अनुमति मांगी थी।
  • जिला प्रशासन द्वारा कितनी अनुमति संख्या मानी गई थी।
  • क्या धाम पर मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया गया था।
  • राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्बाध यातायात के लिए क्या व्यवस्था की गई थी।
  • लोगों और वाहनों के आने से उत्पन्न परिस्थितियों को संभालने के लिए क्या प्रयास किए गए हैं?

घटनाक्रम पर मिश्रा ने दी सफाई
वहीं इस पूरे घटनाक्रम पर कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि हमने श्रद्धालुओं से जो व्यवस्था की बात कही थी। वह सही थी। इसको लेकर हमने कथा पंडाल, ठहरने, भोजन, पार्किंग, पानी और शौचालय के इंतजाम किए थे। अनुमान के अनुसार 2 लाख लोग रोजाना थे, पर 2 दिन पहले ही लोग आकर रुक गए। कथा के पहले दिन ही 20 लाख से अधिक लोग आए, जिससे अव्यवस्था हो गई।

दस लाख लोगों के हिसाब से किए गए थे इंतजा: एसडीएम की सफाई
वहीं एसडीएम अमन मिश्रा ने कहा कि बिठ्ठलेश समिति द्वारा हमसे जो अनुमति ली गई थी। उसमें संख्या नहीं थी। लेकिन डेढ़ से 2 लाख लोगों के आने का अनुमान बताया गया था। जिसको देखते हुए हमने 10 लाख लोगों के हिसाब से इंतजाम किए थे। लेकिन 20 लाख से अधिक लोग वहां पहुंच गए। जिससे हालात बिगड़ गए। देखा जाए तो दूसरे दिन भी 5 से 7 लाख लोग यहां पहुंचे, लेकिन वह आते जाते रहे। जिससे हालत काबू में रहे।

रुद्राक्ष लेने के लालच में आई भारी भीड़
बता दे चमत्कारी रुद्राक्ष लेने के लालच में मध्यप्रदेश के सीहोर में प्रदेश ही नहीं देश भर से लोग आ पहुंचे थे। लेकिन व्यवस्था नहीं होने के कारण अधिकांश लोग खाने पीने को भी मजबूर नजर आए। महाराष्ट्र से आए श्रद्धालु गणपत सदावर्ते ने बताया कि हम यहां रुद्राक्ष लेने आए थे। महाराज ने कहा था कि रुद्राक्ष को पानी में डालकर पानी पी लेने से हर समस्या दूर हो जाएगी इसलिए हम इतनी दूर से आए थे, लेकिन यहां रुद्राक्ष नहीं मिला और यहां के लोगों का भी व्यवहार ठीक नहीं लगा। अब कभी ऐसा रुद्राक्ष लेने नहीं आएंगे।

Web Khabar

वेब खबर

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button