मध्यप्रदेश

चुनाव में बंगाल में सियासत मप्र में: भाजपा की स्टार प्रचारकों की सूची में सिंधिया 24वें नंबर, कांग्रेस ने कसा तंज

भोपाल। पश्चिम बंगाल चुनाव के लिए बीजेपी ने स्टार प्रचारकों की संशोधित सूची जारी कर दी है। इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के स्थान में कोई बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन इस सूची में राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम जोड़ा गया है। इसको लेकर कांग्रेस ने तंज कसा है।

प्रदेश प्रवक्ता अजय यादव ने कहा है कि महाराज की स्थिति बिन बुलाए मेहमान जैसी हो गई है। बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में 5वें, 6वें व 7वें चरण के चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह द्वारा 23 मार्च को जारी लिस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित 30 नेताओं के नाम हैं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम 14वें नंबर पर है, जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया को 24वां स्थान दिया गया है।

इसी तरह बंगाल के चुनाव के लिए कांग्रेस की पहली सूची में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का नाम शामिल किया गया था, लेकिन दूसरी सूची ने उनका नाम हटा दिया था। इस पर कांग्रेस ने कहा था कि चूंकि दमोह उप चुनाव की तारीख घोषित हो चुकी है, ऐसे में कमलनाथ ज्यादा समय दमोह में देना चाहते हैं, इसलिए 17 अप्रैल के बाद वे कांग्रेस का प्रचार करने बंगाल जाएंगे। इस पर बीजेपी ने चुटकी लेते हुए कहा था कि कमलनाथ का कद कांग्रेस में धीरे-धीरे कम होता जा रहा है।





अब सिंधिया को स्टार प्रचारकों की सूची में एक माह बाद जगह मिलने पर कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी अहम बैठकों से सिंधिया को दूर रखती है। उन्हें स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल करना महज एक औपचारिकता है, जबकि मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा बीजेपी के नेता नरोत्तम मिश्रा, फग्गन सिंह कुलस्ते सहित अन्य नेता भी बंगाल चुनाव में प्रचार करने जा रहे हैं।

सिंधिया ने मार्च 2020 में छोड़ी थी कांग्रेस, 18 साल पार्टी में रहे
सिंधिया ने 18 साल कांग्रेस में रहने के बाद मार्च 2020 में पार्टी के खिलाफ बगावत कर भाजपा का दामन थाम लिया था। उन्होंने मध्यप्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार भी गिरा दी थी। तब कांग्रेस के करीब 22 विधायक पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। सिंधिया ने इन विधायकों का इस्तीफा करवाया और आखिरकार कमलनाथ को मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी। सिंधिया फिलहाल भाजपा से राज्यसभा के सांसद हैं। वहीं, उनके समर्थक विधायक मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार में मंत्री और विधायक हैं।

दिग्विजयसिंह और कांतिलाल भूरिया ने कसा था तंज
पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने कहा था कि सिंधिया वापसी के लिए पेशकश कर रहे हैं। लेकिन अगर माफी नामा लिखकर दें तो उनकी वापसी हो सकती है। आज के वक्त में सिंधिया भाजपा में सबसे पीछे बैठते हैं। कांग्रेस में दूसरे नंबर पर बैठाए जाते थे। आज अगर कांग्रेस में होते तो मुख्यमंत्री भी बन सकते थे। इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह ने कहा था कि सिंधिया कांग्रेस में थे महाराज थे और भाजपा में उन्हें भाईसाहब बना दिया गया।

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