कोरोना के खिलाफ जंग: पीएम ने की अधिकारियों के साथ बैठक, 10 राज्यों के सीएम के साथ करेंगे मंथन
नई दिल्ली। देश में कोरोना (Corona) के प्रकोप ने चारों तरफ तबाही (Destruction) मचा रखी है। चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्थाएं (Health care) और दर-दर भटकते मरीजों के बीच आज पीएम (PM) की कई अहम बैठकें होनी हैं। पीएम मोदी (PM Modi) ने सबसे पहले अधिकारियों (officers) के साथ देश की स्थिति पर चर्चा की और ताजा हाल को जाना। अधिकारियों से पीएम मोदी ने ताजा कदम क्या उठाए गए हैं, उसपर रिपोर्ट जानी। साथ ही आॅक्सीजन संकट ( Oxygen crisis) को लेकर चर्चा की। अधिकारियों के साथ मीटिंग (Meeting) के बाद दस राज्यों के मुख्यमंत्रियों (Chief Ministers) के साथ बैठक हुई।
कोरोना संकट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठकें:
देश में कोविड के हालात पर अधिकारियों के साथ बैठक।
प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा।
आॅक्सीजन मैन्युफैक्चर्स (Oxygen manufacturers) के साथ अहम बैठक।
पीएम मोदी के साथ बैठक में इन दस राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल।
मध्य प्रदेश
महाराष्ट्र
उतर प्रदेश
कर्नाटक
केरल
छत्तीसगढ़
राजस्थान
दिल्ली
गुजरात
तमिलनाडु
आॅक्सीजन की सप्लाई की चुनौती सबसे बड़ा संकट
देश के अलग-अलग हिस्सों में आॅक्सीजन (Oxygen) की सप्लाई की दिक्कत है। दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान (Delhi, Maharashtra, Uttar Pradesh, Gujarat, Rajasthan) समेत कई राज्य आॅक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं। गुरुवार को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कई मंत्रालयों के अधिकारियों के साथ बैठक की थी, जिसमें उन्होंने आॅक्सीजन की सप्लाई तेज करने का निर्देश दिया था। पीएम मोदी का निर्देश था कि आॅक्सीजन का प्रोडक्शन पर्याप्त मात्रा में हो रहा है, लेकिन सप्लाई में बाधाएं हैं, इन्हें दूर करना चाहिए। जो इस वक्त ब्लैक मार्केटिंग (Black marketing) कर रहे हैं, उनपर कड़ा एक्शन लिया जाना चाहिए।
देश में बिगड़ते जा रहे हैं कोरोना के कारण हालात
भारत इस वक्त दुनिया में कोरोना संकट (Corona crisis) का एपिसेंटर (Epicenter) बन चुका है। बीते दो दिनों में भारत में 6 लाख से ज्यादा नए केस दर्ज किए गए हैं। गुरुवार को 3.15 लाख कोरोना केस आए, जबकि शुक्रवार को आंकड़ा 3.30 लाख तक पहुंच गया। लगातार दूसरे दिन 2 हजार से ज्यादा लोगों की जान चली गई है। देश के कई अस्पतालों में आॅक्सीजन, बेड्स का संकट है, वहीं जीवनरक्षक दवाई रेमडेसेविर भी नहीं मिल रही है।