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सर्राफा बाजार में गहने गिरवी रखने और बेचने वालों की भीड़ जुटी, संख्या 70 फीसदी तक बढ़ी

भोपाल  (Bhopal) में लॉक डाउन खुलने के बाद भले ही लोग अपनी पुरानी जिंदगी में लौट आए हो बाजारो में फिर से चहल पहल दिखने लगी हो लेकिन बाजार के सर्राफा दुकानों में भीड़ खरीदारों की नहीं है बल्कि उन लोगों की है जिन्होंने कोरोना काल (corona period) में अपना बहुत कुछ खो दिया और आज आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। जिस के चलते न जाने कितने ही लोग बाजारों में अपने सोने के गहने गिरवी रखने या बेचने आ रहे हैं। विजय वर्मा ने वाइस प्रेसिडेंट सर्राफा एसोसिएशन ने बताया इन दिनों सामान्य ग्राहकों से गिरवी रखने एवं बेचने वालों की संख्या 70 प्रतिशत तक है।

साकेत नगर में रहने वाली बुजुर्ग बैजयंती बाई की बेटी और दामाद कोविड हो गया था। इलाज में सारी जमा पूंजी खर्च हो गई। बच्चों की फीस और घर का किराया देने के लिए पैसे नहीं थे। ऐसे में बैजयंती बाई के पास कोई और विकल्प नहीं था कि वो अपने गहने गिरवी रख दे। कोविड काल से गुजरने वाली बैजयंती बाई ही अकेली आर्थिक संकट से नहीं जूझ रही है, बल्कि हजारों लोग इस दर्द से गुजर रहे हैं। वे इस संकट में या तो घर में रखे गहनों को गिरवी रख रहे हैं या फिर बेच रहे हैं। यही कारण है कि अनलॉक-2 में सरार्फा बाजार खुलने के बाद यहां सोने-चांदी के खरीदारों की अपेक्षा, गिरवी रखने और बेचने वाले लोग ज्यादा पहुंच रहे हैं। दुकानदारों की मानें तो इन दिनों खरीदारों की तुलना में 60-70 प्रतिशत ग्राहक इस तरह के आ रहे हैं। सर्राफा कारोबारियों के अनुसार लोगों के काम धंधे बंद हो चुके हैं। वे आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं। कई लोग तो गहने गिरवी रखते और बेचते समय अपना दुख-दर्द भी सुनाते हैं।

शादियों का दायरा सीमित होना है वजह
सरार्फा व्यापारी महासंघ के प्रवक्ता नवनीत अग्रवाल ने बताया कि पहले की तुलना में व्यापार 20-25 प्रतिशत कम है, इसकी वजह है शादियों के मुहूर्त बहुत कम बचे हैं। कई ग्राहक तो मेडिकल इमरजेंसी के कारण कर्ज ले चुके हैं। उन्हें कर्ज भी चुकाना है। मनवीय पहलू को देखते हुए हम उन्हें पूरा सहयोग कर रहे हैं। कई बार बिक्री मूल्य पर भी डील कर रहे हैं।

अस्पताल के बिलों के लिए लॉकडाउन में आते थे गिरवी रखने के फोन
महाराज ज्वैलर्स से सुदीप माने ने बताया कि जब कोरोना कर्फ्यू था और दुकानें बंद थीं, तब भी लोग अस्पताल के बिलों के लिए सोना बेचने और गिरवी रखने के लिए फोन करते थे ऐसे में हमने कई लोगों का सोना गिरवी भी रखा और कई लोगों ने बेचा भी। मार्केट में अभी गिरवी रखने वालों की संख्या अधिक है।

इन बाजारों में पहुंच रहे गहने बेचने और गिरवी रखने वाले
– चौक स्थित सर्राफा बाजार
– बैरागढ़ स्थित सर्राफा बाजार

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