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तोक्यो जाने से रोके गए पैरालम्पिक खिलाड़ी की कोर्ट से गुहार

नयी दिल्ली। पांच बार पैरालम्पिक खेलों (Paralympic Games) में भाग लेने वाले निशानेबाज नरेश कुमार (Shooter Naresh Kumar) शर्मा ने दिल्ली उच्च न्यायालय (High Court of Delhi) के एक आदेश को उच्चतम न्यायालय (Supreme Court of India) में चुनौती दी है। उच्च न्यायालय ने आगामी तोक्यो खेलों के लिए चयन न होने से संबंधित उनकी याचिका पर सुनवाई के लिए छह अगस्त की तारीख तय की थी।

शर्मा ने कहा कि उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने उसकी एकल पीठ के आदेश के खिलाफ उनकी अपील पर 30 जुलाई को भारतीय पैरालम्पिक समिति (पीसीआई) (Paralympic Committee of India) (PCI) और केंद्र से जवाब मांगा था। एकल पीठ ने खेलों के लिए चयन न होने पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था।

उच्चतम न्यायालय में दायर याचिका में शर्मा ने कहा कि तोक्यो पैरालम्पिक (Tokyo Paralympic) में निशानेबाजी के लिए चयन की आखिरी तारीख दो अगस्त है और अगर मामले पर छह अगस्त को सुनवाई होती है तो यह याचिका व्यर्थ हो जाएगी।

याचिका में कहा गया है, ‘‘याचिकाकर्ता इस मामले में अदालत से हस्तक्षेप का अनुरोध करता है क्योंकि अगर पीसीआई की चयन समिति को आर7 स्पर्धा में मनमाने, भेदभावपूर्ण और स्वैच्छिक चयन की अनुमति दी गयी तो तोक्यो पैरालम्पिक में आर7 स्पर्धा में भाग लेने का याचिकाकर्ता का वैध अवसर और देश के लिए पदक लाने का मौका खो जाएगा।’’

उच्च न्यायालय में 30 जुलाई को हुई सुनवाई में शर्मा के वकील ने कहा था कि यह प्रतियोगिता 24 अगस्त से शुरू होगी और तोक्यो 2020 की आयोजक समिति ने राष्ट्रीय पैरालम्पिक समिति से प्रविष्टियां प्राप्त करने की आखिरी तारीख दो अगस्त तय की है।

वकील ने उच्च न्यायालय से मामले पर जल्द सुनवाई करने का अनुरोध किया था। हालांकि पीठ ने कहा था कि याचिकाकर्ता को थोड़ा पहले अदालत आना चाहिए था, न कि आखिरी क्षण में।

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