पंडित धीरेंद्र शास्त्री की मांग, पाकिस्तान में घुसने की अजोबी-गरीब मांग
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री को लेकर विवाद अब भी जारी है। पंडित धीरेंद्र शास्त्री को लेकर देश दो भागों में बंटा हुआ है।
प्रमुख खबरें : बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री को लेकर विवाद अब भी जारी है। पंडित धीरेंद्र शास्त्री को लेकर देश दो भागों में बंटा हुआ है। एक तरफ लोग मान रहे है बाबा धीरेंद्र शास्त्री के पास चमत्कारिक शक्ति है, वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों का मानना है कि ऐसा कोई चमत्कार नहीं होता है, अगर चमत्कार होता है, तो सिद्ध करके दिखाएं। भारत में इस चर्चा और बवाल के बीच पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने सरकार से एक स्तब्ध करने वाली मांग की है। उन्होंने कहा कि सरकार इजाजत दे, तो वह पाकिस्तान में भी घुस जाएं।
सरकार से मांगी इजाजत
धीरेंद्र शास्त्री ने अपने एक दरबार के दौरान कहा था कि सरकार इजाजत नहीं देती है वरना वह तो पाकिस्तान में भी घुस जाते। उनका ये वीडियो भारत ही नहीं बल्कि पाक में भी वायरल हो रहा हैं। लोग घर-घर में उनकी वीडियो देख रहे हैं। पाकिस्तान के लोग इन्हें देखकर कह रहे हैं कि कई लोग इन्हें पसंद करते हैं। वह काफी फनी हैं। चलिए आपको पहले ये बताते हैं आखिर उन्होंने यह क्यों बोला कि वह इजाजत मिलने पर पाक चले जाते।
क्यों पाकिस्तान जाना चाहते हैं धीरेंद्र शास्त्री?
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि सरकार इजाजत दे तो वह पाकिस्तान में दरबार लगा देंगे। उन्होंने दो महीने पहले पाक जाने की इच्छा जताई थी। हालांकि, वह पाकिस्तान जाए बिना ही यहां कई लोगों के दिलों में बसे हैं। पाकिस्तान के कई लोग उनके दरबार में अपनी अर्जी लेकर पहुंचते हैं। ऐसे ही एक दरबार में उन्होंने पाकिस्तान जाने की इच्छा जताई थी।
कैसे शुरू हुआ धीरेंद्र शास्त्री को लेकर पूरा विवाद
दरअसल, धीरेंद्र शास्त्री पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया जा रहा है। हालांकि, कुछ लोग उनका समर्थन भी कर रहे हैं। पूरे मसला उनके नागपुर दौरे से शुरू हुआ था। हाल ही में उन्होंने महाराष्ट्र के नागपुर में अपना दिव्य दरबार लगाया था। इस दरबार को लेकर अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक और नागपुर की जादू-टोना विरोधी नियम जनजागृति प्रचार-प्रसार समिति के सह-अध्यक्ष श्याम मानव ने लोकल पुलिस को शिकायत की थी। मानव ने अपनी शिकायत में बागेश्वर बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दरबार को डर का दरबार बताया था।