भारत की हलचल से पाकिस्तान के पेट में मरोड़

प्रमुख खबरें: नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) से अनुच्छेद 370 (Article 370) हटने के दो साल बाद आज पहली बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) आला विपक्षी पार्टियों (top opposition parties) के साथ बैठक करने वाले है। आज होने वाली इस बैठक जम्मू-कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के अलावा रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh), गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) और राज्यपाल मनोज सिंहा (Lieutenant Governor Manoj Sinha) शामिल होंगे। हालांकि बैठक का एजेंडा साफ नहीं हो पाने के कारण कई तहर के कयास भी लगाए जा रहे हैं। दिल्ली में होने वाली इस बैठक को पड़ोसी देश पाकिस्तान (neighboring country pakistan) के सियासी गलियारे में बेचैनी छाई हुई है।
पड़ोसी देश का मानना है कि भारत के इस कदम से कश्मीर के एक खास राजनीतिक वर्ग को फायदा होने वाला है। पाकिस्तानी विश्लेषक (Pakistani Analyst) भी इसे भारत की पुरानी रणनीति के तौर पर देख रहे हैं। पाकिस्तान में इस बैठक को अनुच्छेद 370 (Article 370) को रद्द किए जाने को वैध ठहराने के एक कदम के रूप में देखा जा रहा है।
पाकिस्तानी अखबार डॉन ने लिखा, कहा जा रहा है कि PM मोदी और कश्मीरी नेताओं के बीच बैठक का कोई एजेंडा नहीं होगा और वे आम तौर पर कश्मीर के हालात पर चर्चा करेंगे। लेकिन, अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि बातचीत जम्मू और कश्मीर में चुनावों, निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन (delimitation) और एक अन्य संवैधानिक संशोधन के माध्यम से क्षेत्र को राज्य का दर्जा देने के इर्द-गिर्द होगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भाजपा सरकार (BJP government) परिसीमन के माध्यम से हिंदू बहुल जम्मू में कम से कम सात और निर्वाचन क्षेत्रों को जोड़ने की कोशिश कर रही है, ताकि जब भी चुनाव हों, भविष्य की विधानसभा में वर्चस्व कायम किया जा सके। इसलिए, भाग लेने वाले कुछ नेताओं के लिए भविष्य की विधानसभा में अपनी संख्यात्मक ताकत बनाए रखने की उनकी रणनीतिक चिंता होगी. दूसरा मुद्दा इस क्षेत्र को राज्य का दर्जा देकर उसे पहचान देने का है।