ताज़ा ख़बर

आॅक्सीजन की कमी से मचा हाहाकार, दिल्ली के राजीव गांधी अस्पताल में बचा है दो घंटे का स्टॉक

नई दिल्ली। देश में कोरोना (Corona) की दूसरी लहर (Second wave) कहर बनकर टूट रही है। चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है। स्वास्थ्य व्यवस्थाएं (Health care) अब पूरी तरह से जवाब देने लगी हैं। एक ओर जहां लोग टेस्ट (Test) कराने के लिए लंबा इंतजार कर रहे हैं, वहीं बीमारी गंभीर (Illness serious) होने के बाद आॅक्सीजन (Oxygen) की कमी ने हालात को लगभग काबू से बाहर कर दिया है। इस वक्त दिल्ली के राजीव गांधी अस्पताल (Rajiv Gandhi Hospital) और चन्नन देवी अस्पताल में आॅक्सीजन की कमी के चलते कई मरीजों की जान खतरे में है। राजीव गांधी अस्पताल (Rajiv Gandhi Hospital)  में तो सिर्फ दो घंटे का आॅक्सीजन (Oxygen) बचा है। यहां 900 मरीज भर्ती हैं। अस्पताल प्रशासन (Hospital administration) का कहना है कि यहां रोजाना 5-6 टन आॅक्सीजन (Oxygen) की जरूरत होती है।

बीती रात आॅक्सीजन (Oxygen) की किल्लत लगातार जारी है और कई अस्पतालों में स्टॉक खत्म हो गया है। इस बीच दिल्ली के नजफगढ़ स्थित राठी अस्पताल (Rathi Hospital) आॅक्सीजन (Oxygen) खत्म हो गया था जिससे इमरजेंसी (Emergency) के हालात पैदा हो गए थे लेकिन देर रात आॅक्सीजन का स्टॉक यहां पहुंचा।





मैक्स के अस्पतालों में हुई थी आॅक्सीजन की कमी
मैक्स अस्पताल प्रबंधन (Max Hospital Management) का कहना है कि बीते मंगलवार रात शालीमार बाग स्थित मैक्स अस्पताल (Max Hospital) में आॅक्सीजन (Oxygen) की कमी हो गई। काफी समय से वह इसकी सूचना दिल्ली सरकार को दे रहे थे। उन्हें पता चला कि आॅक्सीजन की कमी दूर करने के लिए एक टैंकर उनके पास भेजा रहा है लेकिन देर रात पता चला कि वह टैंकर शालीमार बाग न पहुंचकर दिल्ली एम्स भेज दिया। इसके चलते उनके आॅक्सीजन टैंक खाली हो गए। ऐसी गंभीर परिस्थिति में मरीजों को आॅक्सीजन सिलेंडर के सहारे ही संभालना पड़ रहा है।





फिलहाल अस्पताल प्रबंधन आॅक्सीजन सिलेंडर (Oxygen cylinder) की व्यवस्था मैक्स हेल्थ केयर नेटवर्क (Max Health Care Network) के दूसरे अस्पतालों से मांगकर कर रहे हैं। मैक्स के मुताबिक उनके 250 कोरोना मरीज भर्ती हैं, अधिकतर आॅक्सीजन सपोर्ट पर हैं। इस घटना की वजह से उनके मरीजों की सुरक्षा खतरे में पड़ी है और इससे हालात काफी गंभीर हो सकते हैं। मैक्स ने सरकार से अपील की है कि सरकार आॅक्सीजन की आपूर्ति उनके अस्पतालों को सुनिश्चित करें। मैक्स प्रबंधन के मुताबिक उन्हें रोजाना 25 मैट्रिक टन आॅक्सीजन की जरूरत है। मैक्स प्रबंधन ने शिकायत की प्रति केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन को भी भेजी है।

यह भी पढ़ें: महामारी पर बोले विशेषज्ञ: रेमडेसिविर को न समझें ‘मैजिक’ बुलेट, लक्षण दिखें तो कराएं जांच

उधर इस मामले को लेकर एम्स प्रबंधन (AIIMS Management) का कहना है कि उनके यहां मुख्य अस्पताल परिसर और ट्रामा सेंटर (Trauma center) में कोरोना मरंज भर्ती हैं। मुख्य अस्पताल परिसर में 33 आॅक्सीन बेड हैं जबकि ट्रामा सेंटर में 226 आॅक्सीजन और 71 आईसीयू बेड हैं। बुधवार दोपहर को यह सभी पूरी तरह से भर चुके हैं और अब मरीजों को झज्जर स्थित एम्स के ही कैंसर अस्पताल में भेजा जा रहा है। एम्स प्रबंधन के अनुसार उन्होंने किसी भी अस्पताल के कोटा से आॅक्सीजन नहीं लिया है। उन्होंने आरोप से इंकार करते हुए कहा कि आॅक्सीजन वितरण की जिम्मेदारी केंद्र और राज्य सरकार के पास है। इसमें अस्पताल के स्तर पर कोई दखलअंदाजी नहीं है। ऐसे में एम्स पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं।

Web Khabar

वेब खबर

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button