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शोध: मंगल की सतह पर हो सकता है जैविक लवण, दूसरे ग्रहों पर सूक्ष्म जीवों को खोजने में मिलेगी मदद

वाशिंगटन। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (Nasa) पिछले कई सालों ने मंगल ग्रह (Mars planet) पर जीवन की खोज में लगी हुई है। Nasa की इस खोज के बाद मंगल की सतह के बारे में हमारी समझ और विकसित होगी। इसी कड़ी में लाल ग्रह से पृथ्वी पर लाए गए नमूनों की जांच के बाद नासा ने कहा कि मंगल की सतह जैविक लवण (Organic salts) हो सकता है। साथ ही इससे दूसरे ग्रहों पर सूक्ष्म जीवों (Micro organisms) की खोज करने में भी मदद मिलेगी। नासा ने एक बयान में कहा, ‘प्राचीन मिट्टी के बर्तनों की तरह, ये लवण जैविक यौगिकों के रासायनिक अवशेष हैं, जैसे कि पहले क्यूरियोसिटी रोवर (Curiosity rover) ने पता लगाया था।’

रेडिएशन और आॅक्सीडेशन से संपर्क में आकर बन सकता है आॅर्गेनिक सॉल्ट
एक रिसर्च जर्नल में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि रेडिएशन (Radiation) और आॅक्सीडेशन (Oxidation) से प्रभावित आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम आॅक्सालेट और एसीटेट एक साथ मिलकर मंगल की सतह पर Organic salts में घुल सकते हैं। ये लवण भूगर्भिक प्रक्रियाओं (Geologic processes) के जरिये बने हो सकते हैं या सूक्ष्म जीव के अवशेष हो सकते हैं। नासा ने कहा कि यह खोज भविष्य के मंगल अभियानों के लिए मददगार हो सकता है।





दूसरे पर्यावरण में जीवन की संभावना
नासा ने कहा कि यह खोज दूसरे पर्यावरण (environment) में जीवन की संभावना को भी बल देती है। पृथ्वी की तरह कुछ जीव ऊर्जा के लिए आॅक्सालेट (Oxalate) और एसीटेट जैसे Organic salts का इस्तेमाल कर सकते हैं। शोधकर्ता जेम्स एमटी लूइस ने कहा, ‘अगर आॅर्गेनिक सॉल्ट मंगल की सतह पर अधिक फैले हुए हैं, तो हम उनकी रचना और वितरण जैविक रिकॉर्ड के बारे में पता लगा सकते हैं। आने वाले समय में इनका अहम योगदान हो सकता है।

मंगल ग्रह के प्रचीन पर्यावरण पर शोध
शोधकतार्ओं का लक्ष्य यह जानना था कि कभी मंगल पर किस तरह के अणु रहे होंगे और ये लाल ग्रह के प्राचीन पर्यावरण के बारे में क्या-कुछ बता सकते हैं। लुइस ने कहा, ‘हम अरबों साल के आॅर्गेनिक केमिस्ट्री (Organic chemistry) को खंगालना चाहते हैं।’ वैज्ञानिक पहले से ही भविष्यवाणी कर रहे थे कि कार्बनिक यौगिकों से लवण टूट सकते हैं।

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