धर्म

24 सितंबर को है आश्विन मास की संकष्टी चतुर्थी,व्रत से मिलती है भगवान गणेश की कृपा

हिंदू पंचाग (Hindu Calander) के अनुसार हर महीने के कृष्ण पक्ष (Krishna Paksha) की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) कहा जाता है। 24 सितंबर को विघ्नराज संकष्टी (Vighanraj Sankashti Chaturthi On 24th September) का व्रत रखा जाएगा। एक मास में दो बार चतुर्थी तिथि आती है, जिसमें गणपति की पूजा की जाती है। कहते हैं कि गणेश जी की पूजा करने से कुंडली में मौजूद बुध ग्रह (Budh Dosh In Kundali) मजबूत हो जाता है। गणेश भगवान बल, बुद्धि, विवेक और ज्ञान देने वाले माने जाते हैं. धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि इस व्रत को करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्थी को ये व्रत रखा जाता है। वहीं, अमावस्या के बाद की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है। आइए जानते हैं आश्विन मास की संकष्टी चतुर्थी की सही तिथि एवं चंद्र दर्शन के समय के बारे में।

संकष्टी चतुर्थी 2021 पूजा मुहूर्त
संकष्टी चतुर्थी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। 24 सितंबर को प्रात: 06 बजकर 10 मिनट से सुबह 08 बजकर 54 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग है। इस दिन राहुकाल दिन में 10 बजकर 42 मिनट से दोपहर 12 बजकर 13 मिनट तक है। इस दिन आप अभिजित मुहूर्त या फिर विजय मुहूर्त में गणेश जी की पूजा कर सकते हैं। इस दिन अभिजित मुहूर्त दिन में 11 बजकर 49 मिनट से दोपहर 12 बजकर 37 मिनट तक है। वहीं, विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 14 मिनट से दोपहर 03 बजकर 02 मिनट तक है।

विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी महत्व (Vighanraj Sankashti Chaturthi Importance)
मान्यता है कि विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी के दिन घर में पूजा करने से नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं. यही नहीं, पूजा से घर में शांति भी बनी रहती है. गणेश भगवान घर की सारी समस्याओं को दूर करते हैं और व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. इस चंद्र दर्शन को भी शुभ माना जाता है. कहते हैं सूर्योदय के साथ शुरू होने वाला संकष्टी का व्रत चंद्र दर्शन के बाद ही समाप्त होता है. पूरे साल में संकष्टी के 13 व्रत रखे जाते हैं. सभी संकष्टी व्रत की अलग-अलग कथा होती है.

विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी तिथि (Vighanraj Sankashti Chaturthi Tithi)
हिंदू धर्म में गणेश पूजा का विशेष महत्व है. किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान श्री गणेश की पूजा की जाती है. हर माह संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है, ताकि विग्नहर्ता भगवान गणेश सभी के दुख दूर कर सकें और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. विघ्नराज संकष्टी प्रारम्भ तिथि- प्रातः काल 08:29, 24 सितंबर से शुरू होकर, 25 सितंबर को सुबह 10:36 तक समापन होगा.

संकष्टी चतुर्थी 2021 चंद्र दर्शन का समय
आश्विन मास की संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रमा का दर्शन किया जाता है और उसे जल अर्पित किया जाता है। 24 सितंबर के दिन चंद्रमा के उदय होने का समय रात 08 बजकर 20 मिनट पर है। इस समय पर आप चंद्रमा का दर्शन कर सकते हैं।

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