रेल हादसे की जांच सीबीआई को सौंपने पर सियासत,जयराम रमेश ने बताया मोदी सरकार का हेडलाइन मैनेजमेंट
बालासोर में हुए रेल हादसे की जांच अब सीबीआई को सौंप दी गई है। सीबीआई ने घटनास्थल का मुआयना कर लिया है। वहीं अब इस हादसे को लेकर सियासत भी गरमाने लगी है।

बालासोर : बालासोर में हुए रेल हादसे की जांच अब सीबीआई को सौंप दी गई है। सीबीआई ने घटनास्थल का मुआयना कर लिया है। वहीं अब इस हादसे को लेकर सियासत भी गरमाने लगी है। विपक्ष ने सीबीआई को जांच सौंपे जाने को लेकर तंज कसा है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सीबीआई जांच के आदेश जारी करने को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि ये और कुछ नहीं बल्कि मोदी सरकार का हेडलाइन मैनेजमेंट है। इसे लेकर उन्होंने पूरी क्रोनोलॉजी भी समझाई है। इसके साथ कांग्रेस नेता ने 2016 में कानपुर के नजदीक हुए एक रेल हादसे का भी जिक्र किया और बताया कि उसकी एनआईए जांच के आदेश दिए गए थे, लेकिन अब तक कुछ भी नहीं पता लग पाया है।
रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने अभी बालासोर ट्रेन दुर्घटना पर अपनी रिपोर्ट भी नहीं दी है, उससे पहले ही CBI जांच की घोषणा कर दी गई। यह कुछ और नहीं बल्कि हेडलाइन मैनेजमेंट है, क्योंकि सरकार डेडलाइन पूरा करने में पूरी तरह से विफल है।
अब इस क्रोनोलॉजी को याद कीजिए 👇🏾
1. 20 नवंबर, 2016:…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) June 6, 2023
जयराम रमेश ने किया ट्वीट
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्विटर पर सरकार को घेरते हुए लिखा, “रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने अभी बालासोर ट्रेन दुर्घटना पर अपनी रिपोर्ट भी नहीं दी है, उससे पहले ही CBI जांच की घोषणा कर दी गई. यह कुछ और नहीं बल्कि हेडलाइन मैनेजमेंट है, क्योंकि सरकार डेडलाइन पूरा करने में पूरी तरह से विफल है.”
जयराम रमेश ने आगे लिखा, अब इस क्रोनोलॉजी को याद कीजिए…
- 20 नवंबर, 2016: इंदौर-पटना एक्सप्रेस कानपुर के पास पटरी से उतर गई। इस दुर्घटना में 150 से ज़्यादा लोगों की जान चली गई।
- 23 जनवरी, 2017: तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखकर इस दुर्घटना की NIA जांच कराने की मांग की।
- 24 फरवरी, 2017: प्रधानमंत्री ने कहा कि कानपुर रेल दुर्घटना एक साज़िश है।
- 21 अक्टूबर, 2018: अख़बारों में रिपोर्ट आई कि NIA इस मामले में कोई चार्जशीट दाखिल नहीं करेगी।
- 6 जून, 2023: कानपुर ट्रेन हादसे पर NIA की अंतिम रिपोर्ट को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक ख़बर नहीं आई है। कोई जवाबदेही नहीं!
सीबीआई जांच को लेकर विपक्ष के सवाल
ओडिशा में हुए बड़े रेल हादसे के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार 4 जून की शाम घोषणा की थी कि बालासोर रेल हादसे की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की गई है। इसके बाद सीबीआई को मामला सौंप दिया गया। जिसे लेकर विपक्ष अब हमलावर है। जयराम रमेश से पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बालासोर रेल हादसे के वास्तविक कारणों का पता लगाने के लिए इस मामले के सभी पहलुओं की जांच की मांग करते हुए प्रधानमंत्री को एक चिट्ठी लिखी थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि सीबीआई की जांच से ‘तकनीकी, संस्थागत और राजनीतिक विफलताओं’ की जवाबदेही तय नहीं हो सकती। खड़गे ने अपनी चिट्ठी में ये भी कहा कि सीबीआई रेल दुर्घटनाओं की जांच के लिए नहीं है, वह अपराधों की छानबीन करती है। पूर्व रेल मंत्री खड़गे ने आरोप लगाया था कि सरकार जवाबदेही तय करने के किसी भी प्रयास को नाकाम करने और लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।
पटरी से उतरे अधिकतर डिब्बे
बता दें कि ओडिशा के बालासोर में कोरोमंडल एक्सप्रेस शुक्रवार (2 जून) शाम करीब सात बजे ‘लूप लाइन’ पर खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे कोरोमंडल एक्सप्रेस के अधिकतर डिब्बे पटरी से उतर गए। उसी समय वहां से गुजर रही तेज रफ्तार बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा कर पटरी से उतर गए। इस हादसे में कम से कम 275 लोगों की जान चली गई।
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