पीवी सिंधु ने जश्न से पहले तय किया अपना अगला ओलंपिक लक्ष्य

रविवार को 26 साल की सिंधू लगातार दो व्यक्तिगत ओलंपिक पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय (Indian) और देश की पहली महिला खिलाड़ी बनी थी। रियो 2016 में रजत पदक (Silver Medal) के बाद उन्होंने तोक्यो खेलों में कांस्य पदक (Bronze Medal) जीता।
सिंधू ने यहां बातचीत के दौरान कहा, ‘‘निश्चित तौर पर अब तक इन भावनाओं से पूरी तरह से नहीं बाहर निकल पाई हूं लेकिन मैं इस लम्हें का लुत्फ उठा रही हूं। यह किसी के लिए भी सपना साकार होने की तरह है। ये ऐसे लम्हें हैं जिन्हें आप हमेशा याद रखते हो।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ओलंपिक में लगातार दो पदक जीतना मेरे लिए बड़ी बात है। मुझे यकीन है कि यह अन्य लोगों को प्रेरित करेगा और खेल को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।’’
यह पूछने पर कि अब उनका लक्ष्य क्या है, सिंधू ने कहा, ‘‘कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं होने वाली हैं। जल्द ही मैच अभ्यास शुरू करूंगी और अच्छा प्रदर्शन करना चाहती हूं और अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहती हूं। स्पेन में विश्व चैंपियनशिप भी है और मुझे अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं निश्चित तौर पर 2024 पेरिस ओलंपिक (Paris Olympic, 2024) में खेलूंगी लेकिन इसमें काफी समय है। मैं अब इस लम्हें को सहेजकर रखने का प्रयास कर रही हूं।’’
महामारी (Corona Pandemic) के कारण स्थगित की गई विश्व चैंपियनशिप का आयोजन स्पेन के हुएल्वा (Huelva) में 12 से 19 दिसंबर तक होना है।
महामारी के बीच कई टूर्नामेंट रद्द होने के कारण सिंधू को अपने रक्षण पर काम करने का मौका मिला और उन्होंने इस दौरान स्मैश और नेट पर अपने कौशल को निखारा।
सिंधू ने कहा, ‘‘मैंने पहले ही वादा किया था कि आपको कुछ नया कौशल और स्ट्रोक देखने को मिलेंगे। मुझे खुशी है कि मैं ओलंपिक में इसे दिखा पाई। मैं अपने कोच पार्क (तेइ-सांग) (coach Park Tae-sang) की आभारी हूं, हमने तकनीक पर कड़ी मेहनत की।’’
यह पूछने पर कि ओलंपिकस से पहले अनिश्चितता को देखते हुए क्या चीजें मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण थी, सिंधू ने कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि ऐसा था क्योंकि महामारी से काफी लोग प्रभावित हुए और हमें लॉकडाउन (Lockdown) का सामना करना पड़ा लेकिन मैंने इस समय का इस्तेमाल अपने कौशल और तकनीक पर काम करने के लिए किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘फिटनेस (Fitness) बरकरार रखना और ओलंपिक से पहले मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत रहना चुनौतीपूर्ण था, जैविक रूप से सुरक्षित माहौल में रहते हुए हमें अपना ख्याल रखना था।’’
सिंधू ने लगातार बड़े टूर्नामेंटों में पदक जीते। उन्होंने 2018 में राष्ट्रमंडल खेलों (Commonwealth Games) और एशियाई खेलों (Asian Games) में रजत पदक जीतने के बाद बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर फाइनल्स (BWF World Tour Finals) में स्वर्ण और रजत पदक जीता। उन्होंने 2019 में खिताब से पहले विश्व चैंपियनशिप में दो रजत और दो कांस्य पदक भी जीते।
भारतीय खिलाड़ी ने कहा, ‘‘पिछले पांच साल शानदार रहे, यह शानदार सफर रहा। काफी उतार-चढ़ाव आए लेकिन मैंने काफी कुछ सीखा, काफी चीजों का अनुभव हासिल किया और काफी सुधार किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘2016 ओलंपिक काफी अलग थे, वह मेरा पहला ओलंपिक था, कोई अपेक्षा नहीं थी। उस पदक ने मेरी जिंदगी बदल दी। इस बार काफी उम्मीदें थी और कांस्य पदक जीतना अलग अहसास है।’’
सिंधू ने कहा, ‘‘तब ओलंपिक के लिए जाते हुए मैं सामान्य लड़की थी लेकिन इस बार सभी चाहते थे कि मैं जीतूं। इसलिए इस बार काफी अधिक दबाव था।’’