विदेश

अब जीका वायरस का पता चलेगा, कोरोना भी नहीं दे पाएगा धोखा

अतिआधुनिक तकनीक का इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए किए जाने के बेहतर परिणाम अब मिलने लगे हैं। पहले जहां टेक्नोलॉजी के बेहतर इस्तेमाल न करने से इलाज और बीमारियों का पता लगाने में ज्यादा समय लगता था, वहीं अब वैज्ञानिकों की एक टीम एक ऐसे डिवाइस को बनाने के लिए काम कर रही है,जिसको स्मार्टफोन पर क्लिप किया जा सकता है। इसके बाद अतिआधुनिक डिवाइस के इस्तेमाल से मात्र एक रक्त की एक बूंद से जीका वायरस का पता लगाया जा सकेगा।

 

अमेरिका में चल रहा है शोध

प्राप्त जानकारी के अनुसार अमरीका के इलिनोइस विश्वविद्यालय में इस संबंध मे तेजी से रिसर्च चल रहा है। इलिनोइस विवि के के ब्रायन कनिंघम ने कहा कि मच्छर से पैदा होने वाले वायरस गंभीर बीमारियों का कारण बनते हैं, लेकिन उन बिमारियों के लक्षण समान होते हैं। अगर आपको जीका, मलेरिया, डेंगू या चिकनगुनिया है, तो आपको बुखार आएगा। ऐसी स्थिति में आप डॉक्टर को दिखाएंगे तो उन्हें पता नहीं चलेगा कि कौन सभी बिमारी है।

 

चेन रिएक्शन के जरिए रिजल्ट का पता लगाने की कोशिश

अमेरिका के प्रमुख इलिनोइस विश्व विद्यालय के ब्रायन कनिंघम ने बताया कि वर्तमान में जीका वायरस का पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन परीक्षण के जरिए पता लगाया जाता है। अपने रिसर्च के संबंध में कनिंघम ने बताया कि यह वायरस की आनुवंशिक सामग्री को बढ़ा सकता है। किसी प्रयोगशाला में इसका परीक्षण किया जा सकता है।

 

87 देशों में फैल रहा है जीका वायरस

वर्तमान में 87 से अधिक देशों में जीका वायरस फैल रहा है, जो हर साल हजारों लोगों को संक्रमित कर रहा है। इससे बचने के लिए बेहतर परीक्षण और नियंत्रण के उपायों की आवश्यकता है। इलिनोइस विश्वविद्यालय के ब्रायन कनिंघम बताया कि हमनें एक क्लिप-ऑन डिवाइस को डिजाइन किया है, जिसके जरिए बहुत ही आसानी से जीका वायरस का पता लगाया जा सकता है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button