स्मार्ट सिटी इंदौर में अब ए़़ड्रेस भी स्मार्ट, जानिए आप स्मार्ट एड्रेस से कैसे समय की बचत कर सकते हैं?
मध्यप्रदेश की स्मार्ट सिटी इंदौर देश का पहला और दुनिया का दूसरा ऐसा शहर बन गया है, जहां सारे पते डिजिटल प्लेटफार्म पर होंगे। शहर में लोगोंं को अब एड्रेस के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। इससे पहले अमेरिका के कैलिफोर्निया में डिजिटल पते का इस्तेमाल किया जाता था। दरअसल, इंदौर स्मार्ट सिटी कंपनी ने इस संबंध में शहर के स्टार्टअप ‘पता नेविगेशन प्रालि’ कंपनी के साथ एमओयू किया है। अब शहर में किसी का पता खोजने के लिए मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। स्मार्ट सिटी कंपनी घर और प्रतिष्ठानों को डिजिटल प्लेटफार्म पर लाएगी। इसमें शासकीय कार्यालय, पुलिस थानों, बैंक, बस स्टाप, बस स्टैंड, सार्वजनिक शौचालय, पेट्रोल पंप, पर्यटन स्थल, स्कूल, कालेज और अस्पताल की जानकारी भी होगी। एक क्लिक पर नाम, पता, मोबाइल नंबर व घर की फोटो मिलेगी। अभी लोग पता खोजने के लिए गूगल मैप का इस्तेमाल करते हैं। कंपनी एक एप तैयार करेगी। इस पर व्यक्ति अपने घर या प्रतिष्ठान को एक यूनिक जियो कोड से टैग कर सकेगा। एक वाइस मैसेज में लोग यह जानकारी दे सकेंगे। इस स्टार्टअप का एमओयू इसरो के साथ भी हुआ है जिसके तहत आगे चलकर इसरो के मैप का उपयोग कर डिजिटल एड्रेसिंग की जाएगी।
यूनिक कोड से चलेगा लोकेशन का पता
यूजर किसी को अपना यूनिक कोड शेयर करेगा तो ही लोकेशन का पता चलेगा। यदि कोई व्यक्ति यूनिक कोड को खोजना चाहेगा तो पहले संबंधित कोड वाले व्यक्ति तक सूचना पहुंच जाएगी। एप में प्राइवेसी सेटिंग है। संबंधित के चाहने पर ही कोई कोड देख सकेगा। यूनिक कोड शेयर करना या न करना, किसके साथ शेयर करना, यह पूरी तरह व्यक्ति पर निर्भर रहेगा। इसमें सिर्फ लोकेशन आएगी।
देश को हर साल होता 75 हजार करोड़ रुपए का नुक़सान
देश को हर साल अव्यवस्थित एड्रेसिंग सिस्टम के कारण करीब 75 हजार करोड़ रुपए का नुक़सान उठाना पड़ता है। इस समस्या को हल करने के लिए इंदौर के युवाओं ने एक ऐप बनाया है। इस फ्री मोबाइल ऐप के जरिए आपके लम्बे और जटिल एड्रेस को एक छोटे से डिजिटल एड्रेस कोड में कन्वर्ट कर दिया जाएगा। इससे ई-कॉमर्स, कूरियर सर्विस, डिलिवरी करने वाले और विजिटर्स को सटीक लोकेशन पर पहुंचने में मदद मिलेगी। बस आपको अपना कोड बताना होगा। आपके घर की सटीक लोकेशन फोटो के साथ सामने वाले को मिल जाएगी। साथ ही आपकी आवाज में तैयार वॉयस डायरेक्शन भी उसे मिल जाएगा और वो आसानी से आपके घर तक पहुंच जाएगा।
इसरो ने दिया साथ
पता एप से बैंक, इंश्योरेंस, टेलिकॉम का केवाईसी वेरिफिकेशन हो जाएगा। साथ ही गलत एड्रेस पर डिलिवरी का झंझट खत्म हो जाएगा। सरकारी योजनाओं का लाभ भी एकदम सही व्यक्ति तक पहुंच पाएगा। इससे आपदा प्रबंधन, इमरजेंसी, जनगणना, चुनाव प्रबंधन में आसानी होगी। साथ ही ओला और उबर जैसी टैक्सी सर्विस भी आप तक बिना किसी दिक्कत के पहुंच जाएंगी। इस एप को इसरो की मदद से तैयार किया गया है।
स्मार्ट एड्रेस के फायदे
ईंधन और समय की बचत: लोग गलियों में भटकने से बचेंगे। सटीक लोकेशन पहुंचने पर वाहन के ईंधन के साथ समय की भी बचत होगी।
मुलाकात और डिलीवरी में आसानी: सामान पहुंचाने या किसी व्यक्ति को बिना फोन लगाए पते तक पहुंचा जा सकेगा।
आकस्मिक सेवाओं में मदद: एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड जननी सेवा, डायल 100 में जरूरत के समय लोग सही कोड के आधार पर सूचना दे सकेंगे।
निगम सेवाओं में मदद: संपत्ति कर, स्ट्रीट लाइट और सड़क के गड्ढे सुधारने जैसी सेवाओं में सटीक लोकेशन मिल सकेगी।
विद्युत पोल व स्ट्रीट लाइन की सटीक लोकशन: हर विद्युत पोल व स्ट्रीट लाइट पोल को एक नंबर दिया जाएगा। तकनीकी खामी होने पर सिर्फ संबंधित पोल का नंबर बताना होगा। टीम सटीक जगह पहुंचेगी।
बैंक: जियो टैगिंग के साथ ईकेवायसी की सुविधा भी मिल सकेगी।