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बीमारियां ही नहीं त्वचा की निखार के लिए भी कारगर होते हैं फूल,जानें कैसे करें इस्तेमाल

भारतीय आयुर्वेद (Ayurveda) में ऐसी प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल किया जाता है जो हमारे शरीर के लिए औषधि का काम करती है और भारतीय आयुर्वेद (Indian ayurveda) में फूलों का समावेश सदियों पहले से है । वास्तव में, फूल आयुर्वेद की एक विशेष शाखा है । कुछ खास प्रकार के फूल (Special Flowers) का इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता है जो बीमारियों को ठीक करने में सक्षम होते हैं और इन सुंदर से दिखने वाले कई तरह के फूलों में त्वचा की समस्याओं (skin problems) से लेकर कई तरह के संक्रमण (Infection) तक को ठीक करने की शक्ति होती है।

कई फूलों का इस्तेमाल हम जूस और काढ़े (juices and decoctions) के रूप में भी करते हैं और इसे टिंचर के रूप में शरीर पर लगाया जा सकता है। बता दें की कल्याणकरकम, 9वीं शताब्दी का पहला पाठ है जिसमें बीमारियों को ठीक करने के लिए फूलों का उपयोग करने का उल्लेख है।आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ खास फूलों के बारे में जो औषधीय रूप में आपकी मदद कर सकते हैं।

गुलाब (Rose)
गुलाब आमतौर पर गुलाबी या लाल रंग के होते हैं । फूलों में टैनिन, विटामिन ए, बी और सी होते हैं। यह आवश्यक तेल भी देता है और इसमें वसायुक्त तेल होते हैं। फूल के रस (Flower juices) का उपयोग शरीर की गर्मी और सिरदर्द को कम करने के लिए किया जाता है। गुलाब की पंखुड़ियों का इस्‍तेमाल ‘मुरब्‍बा’ जैसी मिठाइयां बनाने के लिए भी किया जाता है और जो डाइजेशन संबंधी समस्याओं को कम करने में मदद करता है। गुलाब की पंखुड़ियों से खांसी, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस जैसी फेफड़ों की समस्‍याएं और पाचन संबंधी समस्याओं जैसे अपच और पेट फूलना को ठीक किया जा सकता है। गुलाब जल से आंखों की जलन दूर की जा सकती है।

चंपा (Champa)
इन सुगंधित फूलों का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाओं (ayurvedic medicines) में त्वचा रोगों, घावों और अल्सर जैसी विभिन्न बीमारियों के लिए किया जाता है। चंपा फूल का काढ़ा मतली, बुखार, चक्कर आना, खांसी और ब्रोंकाइटिस के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

गुड़हल (hibiscus)
गुड़हल के फूल की पंखुड़ियां से लेकर पत्तियां भी काफी लाभकारी होती हैं, जो कई रंगों में मौजूद होती हैं। इसकी पत्तियां लाल, गुलाबी, सफेद, पीले और नारंगी रंग में पाई जाती हैं। आयुर्वेद में आज भी इसका इस्तेमाल चाय बनाने में किया जाता है। जो ब्‍लड प्रेशर के लेवल को कम करने में मदद करता है। यह लूज मोशन, पाइल्स, ब्‍लीडिंग के साथ-साथ बालों के झड़ने, हाई ब्‍लडप्रेशर, खांसी में भी मदद करता है।

अमलतास (amaltas)
अमलतास भी काफी फायदेमंद फूल होता है जिसका इस्तेमाल कई रोगों को ठीक करने में किया जाता है। गोल्डन शावर ट्री (golden shower tree) में पीले फूल होते हैं जो इसके पेड़ से लंबी लटकती जंजीरों में दिखाई देते हैं। यह त्वचा रोगों, हार्ट संबंधी बीमारियों, पीलिया, कब्ज, अपच और यहां तक कि कान के दर्द में भी उपयोगी है।

कमल (Lotus)
कमल सफेद या गुलाबी रंग के बड़े फूल होते हैं। कमल के फूल का जबरदस्त आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अर्थ है। यह त्वचा रोग, जलन, फोड़े, लूज मोशन और ब्रोंकाइटिस को कम करने में कारगर साबित होता रहा है।

गुलदाउदी (chrysanthemum)
गुलदाउदी सजावटी पीले फूल होते हैं। इस फूल का रस या आसव (juice or infusion) चक्कर आना, हाई ब्‍लड प्रेशर, फुरुनकुलोसिस (furunculosis) को ठीक करने में मदद करता है। इसकी पंखुड़ियों से बनी गरमा गरम चाय शरीर दर्द और बुखार को कम करने में मदद करती है।

जैस्मिन (Jasmine)
जैस्मिन का फूल सुगंध में तो काफी बेहतरीन होता ही है साथ ही यह कई रोगों को ठीक करने में इस्तेमाल होता है। सुगंधित सफेद फूलों से बनी चमेली की चाय (jasmine tea) लंबे समय से चिंता, अनिद्रा और नर्वस सिस्‍टम (Insomnia and nervous system) से जुड़ी समस्‍याओं को दूर करने के लिए इस्तेमाल की जाती है। यह डाइजेशन संबंधी समस्याओं, पीरियड्स के दर्द और सूजन को कम करने के लिए भी फायदेमंद साबित होती है।

 

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