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कुदरत के कहर से सहमा पूर्वोत्तर: हजारों को राहत शिविरों में लेनी पड़ी शरण, अब तक करीब 50 की हो चुकी है मौत

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नई दिल्ली। मानसून की दस्तक के बाद से भारत पूर्वोत्तर राज्यों में कुदरत ने भारी तबाही मचा रखी है। मणिपुर, मिजोर, सिक्किम, त्रिपुरा, नागालैंड और असम जैसे इलाके लगातार मूसलाधार बारिश से सहम गए हैं। भारी बारिश और लैंडस्लाइड से एक तरफ जहां जन जीवन पूरी तरह से अस्तव्यस्त हो गया है। हजारों लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है। वहीं दूसरी तरफ अब दो दर्जन से अधिक लोगों और सैकड़ों पशुओं की मौत भी हो चुकी है। बारिश और भूस्खलन से सबसे ज्यादा तबाही सिक्किम और असम में देखने को मिल रही है।

सिक्किम में मूसलाधार बारिश के बाद जन-जीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। रिपोर्ट की मानें तो सूबे के उत्तरी इलाके में सैकड़ों घरेलू पर्यटक और दो विदेशी नागरिक मंगन जिले के लाचेन और लाचुंग के दूरदराज के इलाकों में फंस गए। अधिकारियों ने बताया कि रविवार को लगातार तीसरे दिन भी मंगन जिले में भारी बारिश जारी रहने के कारण उत्तरी सिक्किम में करीब 1,500 पर्यटक फंसे हुए हैं। उन्होंने बताया कि खराब मौसम की वजह से दो पुल आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि भारी बारिश की वजह से तीस्ता नदी में तेज बहाव के कारण द्जोंगू इलाके में स्थित फिदांग पुल क्षतिग्रस्त हो गया। उन्होंने बताया, “नदी के बहाव ने इसके आधार को नष्ट कर दिया है, जिससे पुल की संरचनात्मक स्थिरता प्रभावित हो सकती है।”

त्रिपुरा के भी बुरे हाल
अधिकारियों ने रविवार को बताया कि लगातार बारिश की वजह से त्रिपुरा में भारी जलभराव हो गया, जिसके कारण एक व्यक्ति की मैनहोल में गिरने से मौत हो गई। राजधानी अगरतला में महज तीन घंटे में करीब 200 मिमी बारिश दर्ज की गई। शहर में भारी बारिश की वजह से सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ, कई निचले इलाके जलमग्न हो गए और लोगों को मुख्यमंत्री माणिक साहा के आवास के सामने घुटने तक पानी में चलते देखा गया। राजस्व सचिव बृजेश पांडे ने बताया, “बाढ़ के पानी में डूबे 2,800 परिवारों के 10,600 सदस्यों को निकालकर राज्य भर में 60 राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। बचाव अभियान में 14 टीमें लगी हुई हैं। मुख्यमंत्री ने रविवार को पश्चिम त्रिपुरा जिले में कुछ राहत शिविरों का दौरा किया और वहां रहने वालों की स्थिति देखी।”

मणिपुर में बाढ़-भूस्खलन से 3,802 लोग प्रभावित
मणिपुर में बारिश के बाद पिछले 48 घंटों में बाढ़ और भूस्खलन के कारण राज्य भर में 3,802 लोग प्रभावित हुए हैं और 883 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि खुरई, हिंगांग और चेकोन इलाकों में उफनती नदी के तटबंधों को तोड़ने और उफान पर आने के बाद राज्य की राजधानी इंफाल के कई इलाके और इंफाल पूर्वी जिले के कई हिस्से जलमग्न हो गए हैं। सेना और असम राइफल्स के जवानों ने सबसे ज्यादा प्रभावित जिले इंफाल पूर्वी में जलमग्न इलाकों से करीब 800 लोगों को बचाया। उन्होंने बताया कि अब तक राज्य भर में कुल 12 भूस्खलन हुए हैं। इंफाल पूर्वी जिले में इरिल नदी का जलस्तर रविवार को खतरे के निशान को पार कर गया, लेकिन अभी तक तटबंधों को नहीं तोड़ा है। स्थानीय लोग और अधिकारी तटबंधों को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।

नागालैंड में सड़क धंसी, यातायात बंद
नागालैंड में फेसामा के पास कोहिमा-माओ मार्ग पर राष्ट्रीय राजमार्ग-2 पर सड़क धंसने की एक बड़ी घटना हुई, जिसके कारण प्रभावित मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया। यह घटना पिछले कई दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण सुबह हुई। सड़क करीब 4 फीट धंस गई है। नागा हेरिटेज विलेज किसामा के ठीक नीचे हुए व्यवधान के मद्देनजर, कोहिमा के डिप्टी कमिश्नर बी हेनोक बुचेम ने ट्रैफिक को प्रबंधित करने और अगली सूचना तक सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यात्रा सलाह जारी की।

असम में भूस्खलन से कई मौतें
असम के गुवाहाटी में चापाईडांग के दाईमुगुरी में हाल ही में हुए भूस्खलन की वजह से तीन परिवार के सदस्यों की जान चली गई, राज्य सरकार ने शोक संतप्त परिवारों की सहायता के लिए एकमुश्त वित्तीय सहायता पैकेज का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को निचले इलाकों और नदी किनारे के इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और पूरे इलाके में भारी बारिश और बाढ़ के बीच स्थानीय सुरक्षा दिशा-निदेर्शों का सख्ती से पालन करने के लिए सख्त सलाह जारी की। गुवाहाटी जिला भूस्खलन से बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जिसकी वजह से पिछले दो दिनों में करीब आठ लोगों की मौत हो गई है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए असम के मंत्री जयंत मल्लाबारुआ ने मृतकों के परिवारों के लिए 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की।

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