मध्यप्रदेश

जमीनी हकीमत: अप्रैल माह में संक्रमण से भोपाल में 109 नहीं, 2,567 लोगों की गई जान

  • श्मशान घाट और कब्रिस्तान बयां कर रहे यह आंकड़े

भोपाल। राजधानी भोपाल में कोरोना संक्रमण (Corona infection) का का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। और मरने वालों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हो रहा है। राजधानी (Capital) में मौतों के आंकड़ों (Death statistics) में सरकारी और जमीनी हकीकत में बड़ा अंतर है। भोपाल प्रशासन (Bhopal Administration) की माने तो अप्रैल महीने में जिले कोरोना वायरस (Corona virus) से 109 मौतें दर्ज की गईं लेकिन शमशान घाट और कब्रिस्तान का आंकड़ा कुछ और ही बताता है। कोविड-19 मरीजों के लिए जिले में तीन शमशान घाट और एक कब्रिस्तान हैं और यहां से जुटाए गए आंकड़ों का कहना है कि 1-30 अप्रैल तक जिले में 109 कोविड मृतकों (covid dead) के अलावा 2,567 शवों का कोविड प्रोटोकॉल (Covid protocol) के तहत अंतिम संस्कार किया गया है। वहीं इन चारों जगहों के कर्मचारियों का कहना है कि इस अवधि के दौरान 1,273 गैर कोविड मरीजों (Non covid patients) का भी अंतिम संस्कार किया गया है।





भोपाल में छह शमशान घाट और चार कब्रिस्तान हैं। जिसमें चार शमशान घाट और एक कब्रिस्तान कोविड मरीजों (Covid Patients) के लिए आरक्षित किया हुआ है। कब्रिस्तान और शमशान के अधिकारियों और कर्मचारियों का कहना है कि शवो की भीड़ से निपटने के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ता है।  वहां काम कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि हमारे शमशान घाट की हालत बेहद खराब हो गई है। यहां जगह-जगह पर PPE Kit और दस्ताने पड़े मिलते हैं। उनकी मांग है कि नगर निगम (municipal Corporation) इन जगहों को कम से कम सैनिटाइज (Sanitize) और साफ करे, ताकि दूसरे शवों को जलाने में आसानी हो।

 

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इसके अलावा उनकी शिकायत है कि शमशान घाटों और कब्रिस्तान में जगह कम पड़ गई है और काम करने वाले लोग भी कम हैं। शवों के लिए जमीन खोदने वाले लड़के अब थक चुके हैं। शवों की संख्या बहुत ज्यादा आती है। वहीं प्रदेश के सार्वजनिक स्वास्थ्य (public health) और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी (Family Welfare Minister Dr. Prabhuram Chaudhary) का कहना है कि प्रदेश की ओर से मृतकों का आंकड़ा नहीं छुपाया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि कुछ ऐसे मामले जरूर हैं, जो कंफर्म कोविड मरीज (Confirmed kovid patient) नहीं है, संदिग्ध हैं लेकिन उनका अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकॉल के तहत किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे कई मामले पहले भी सामने आए हैं।

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