सूत्रों की मानी जाए तो इसमें कई सीनियर विधायकों को मौका मिल सकता है। पूर्व मंत्री राजेंद शुक्ला, केदार नाथ शुक्ला, नागेंद्र सिंह, यशपाल सिसोदिया, शैलेंद्र जैन, संजय पाठक, रामपाल सिंह भी दावेदारी कर रहे है।
शिवराज सरकार में वर्तमान में 28 मंत्री हैं। जबकि 6 मंत्री और बनाए जा सकते हैं।
7 दिसंबर को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भोपाल पहुंच रही हैं। सूत्रों के मुताबिक दूसरे दिन राजभवन में शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में इस बार कई सीनियर विधायक और पूर्व मंत्रियों को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया था।
अब ऐसा माना जा रहा है कि महाकौशल और विंध्य के एक-एक सीनियर विधायक को मंत्री बनाया जा सकता।
इनका मंत्री बनना तय: भाजपा के राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक मंत्री तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत का कार्यकाल उपचुनाव से कुछ दिन पहले ही खत्म हो गया था, इसलिए उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
इसके बाद अब वे चुनाव जीत गए हैं। इन दोनों नेताओं को दोबारा मंत्री बनाया जाना तय है। इनके अलावा उपचुनाव में इमरती देवी, गिर्राज दंडोतिया और एंदल सिंह कंसाना चुनाव हार गए थे। इन तीनों नेताओं को किसी निगम मंडल में अध्यक्ष बनाकर उपकृत किया जा सकता है। इनके मंत्री पद छोड़ने के बाद खाली होने वाले विभागों में भाजपा अपने खेमे से तीन मंत्रियों को शामिल कर सकती है। जबकि सिंधिया खेमे से भी दबाव रहेगा कि सिलावट और राजपूत के साथ ही सिंधिया खेमे के दो-तीन विधायकों को भी मंत्री बनाया जाए।