शिवराज कैबिनेट का फैसला: धान उद्योगों को बढ़ावा देने बनेगी नई नीति, उपभोक्ताओं को मिलेगी सस्ती बिजली
मध्य प्रदेश: भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक (cabinet meeting) में महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। फैसलों की जानकारी देते हुए नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने कहा कि मप्र में धान उद्योगों (paddy industries) को बढ़ावा देने और और इथेनॉल प्लांट (ethanol plant) के नई नीति लागू की जाएगी। सीएम शिवराज ने MSME विभाग को आदेश दिया है कि जल्द से जल्द दोनों प्रस्तावों को तैयार किया जाए। इस बारे में शिवराज मंत्रियों से वन-टू-वन चर्चा भी करेंगे। इसकी सूचना मंत्रियों को पहले ही दे दी जाएगी।
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में विद्युत नियामक आयोग (Electricity Regulatory Commission) द्वारा विद्युत दरों में जो सब्सिडी (subsidy) दी जाती है, उसे भी मंजूरी दी गई। ये वो subsidy है जो 5 हार्सपावर के पंप पर किसान को 51 हजार रुपये देना चाहिए और सरकार इस पर subsidy देती है और किसान को केवल 3,500 रुपये जमा करने होते हैं और बाकी राशि सरकार जमा करती है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 94 लाख परिवारों को 100 रुपए में 100 यूनिट बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। इसी तरह बैठक में पिछले साल दीपावली से पहले कर्मचारियों के लिए लागू की गई विशेष त्योहार अग्रिम योजना को स्वीकृति दी गई।
मध्य प्रदेश में घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं (agricultural consumers) को सस्ती बिजली देने के लिए राज्य सरकार (state government) 14 हजार 500 करोड़ रुपए की सब्सिडी देगी। जानकारी के मुताबिक, प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद बिजली कपंनियों को यह राशि ऊर्जा विभाग (Department of Energy) के माध्यम से दी जाएगी। शिवराज सरकार ने स्थायी कृषि पंप उपभोक्ताओं के लिए फ्लैट रेट योजना (flat rate scheme) 2013-14 में लागू की थी। इसमें 10 हॉर्सपावर तक के मीटर रहित स्थायी कृषि पंप उपभोक्ताओं (agricultural pump consumers) को प्रति हार्सपावर सालाना 750 रुपए और इससे अधिक क्षमता के पंप वाले उपभोक्ताओं को प्रति हॉर्सपावर 1 हजार 500 रुपए बिजली देने का प्रावधान है। विद्युत नियामक आयोग द्वारा तय दर से कम पर बिजली देने के कारण सरकार 9 हजार 773 करोड़ रुपए की सब्सिडी तीनों बिजली कंपनियों को देगी।
घरेलू उपभोक्ताओं, जिनकी मासिक खपत 150 यूनिट तक है, उन्हें इंदिरा गृह ज्योति योजना (Indira Griha Jyoti Yojana) का लाभ दिया जा रहा है। इन्हें पहले 100 यूनिट तक 100 रुपए की दर से बिल लिया जा रहा है। अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग (SC-ST CLASS) के उपभोक्ताओं को 30 यूनिट तक मासिक खपत पर 25 रुपए देने होते हैं। घरेलू उपभोक्ताओं को दर में रियायत देने के एवज में सरकार बिजली कंपनियों को 4 हजार 945 करोड़ रुपए का अनुदान देगी। इसी तरह अन्य क्षेत्रों में बिजली की दरों में सरकार द्वारा दी गई छूट के लिए अनुदान दिया जाएगा। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि बिजली की दरें में रियायत देने के बदले बिजली कपंनियों को अनुदान देने के प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय कैबिनेट में लिया जाएगा।