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पीएम मोदी ने कहा- नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति राष्ट्र निर्माण के ‘महायज्ञ’ के बड़े कारकों में से एक

ताजा खबर : नयी दिल्ली। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (national education policy) के एक साल पूरा होने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आज कहा कि भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति राष्ट्र निर्माण के ‘महायज्ञ’ के बड़े कारकों में से एक है। PM ने कहा कि यह नीति युवाओं को विश्वास दिलाती है कि देश अब पूरी तरह से उनके हौसलों के साथ है। मोदी ने इस दौरान ‘एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट’, क्षेत्रीय भाषाओं में प्रथम वर्ष के इंजीनियरिंग कार्यक्रम और उच्च शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण के लिए दिशा-निर्देश सहित शिक्षा क्षेत्र से जुड़े कई कार्यक्रमों की शुरुआत भी की।

वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan), कई राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री, राज्यपाल और उपराज्यपाल, विश्वविद्यालयों के कुलपति, शिक्षा व कौशल विकास के क्षेत्र से जुड़े देशभर के नीति निर्माता, छात्र और शिक्षक भी शामिल हुए। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति ऐसे समय में आई है जब देश आजादी के 75 वर्ष का अमृत महोत्सव (Amrit Mahotsav) मना रहा है। एक तरह से राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन आजादी के अमृत महोत्सव का हिस्सा बन गया है।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को एक साल पूरा होने पर देशवासियों और विद्यार्थियों को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को धरातल पर उतारने में संबंधित हितधारकों ने बहुत मेहनत की है। उन्होंने कहा, भविष्य में हम कितना आगे जाएंगे, कितनी ऊंचाई प्राप्त करेंगे, ये इस बात पर निर्भर करेगा कि हम अपने युवाओं को वर्तमान में, यानी आज कैसी शिक्षा दे रहे हैं, उन्हें हम कैसी दिशा दे रहे हैं। मैं मानता हूं भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति राष्ट्र निर्माण के महायज्ञ के बड़े कारकों में से एक है।

मोदी ने कहा, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति युवाओं को यह विश्वास दिलाती है कि देश अब पूरी तरह से उनके साथ है, उनके हौसलों के साथ है। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी का युवा अपनी दुनिया खुद अपने हिसाब से बनाना चाहता है, वह मौका चाहता है और पुराने बंधनों से मुक्ति चाहता है। PM ने कहा कि देश ने दशकों से ये माहौल देखा है जब समझा जाता था कि अच्छी पढ़ाई करने के लिए विदेश ही जाना होगा।

उन्होंने कहा, लेकिन अच्छी पढ़ाई के लिए विदेशों से छात्र भारत आएं… सर्वश्रेष्ठ संस्थान भारत आएं… यह अब हम देखने जा रहे हैं। मोदी ने कहा कि कोरोना के काल में भी लाखों नागरिकों से, शिक्षकों, राज्यों और स्वायत्त निकायों से सुझाव लेकर कार्य बल बनाकर नई शिक्षा नीति को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि बीते एक वर्ष में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को आधार बनाकर अनेक बड़े फैसले लिए गए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को किसी भी तरह के दबाव से मुक्त रखा गया है और जो खुलापन नीति स्तर पर है, वही छात्रों को मिल रहे विकल्पों में भी है। उन्होंने कहा, अब छात्र कितना पढ़ें, कितने समय तक पढ़ें, यह सिर्फ बोर्ड्स और विश्वविद्यालय तय नहीं करेंगे। इस फैसले में छात्रों की भी सहभागिता होगी। उन्होंने कहा कि मल्टीपल एंट्री (multiple entry) और एक्जिट की जो व्यवस्था शुरू हुई है, इसने छात्रों को एक ही कक्षा और एक ही पाठ्यक्रम में जकड़े रहने की मजबूरी से मुक्त कर दिया है।

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