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संघर्ष विराम की घोषण कर अपने ही देश में घिरे नेतन्याहू, घुटने टेकने की हो रही बात

तेल अवीव। इजरायल-फिलिस्तीन के बीच दो हफ्तों के करीब चले संघर्ष के बाद गुरुवार रात को सीजफायर (Ceasefire) का ऐलान कर दिया गया।  सीजफायर को लेकर इजरायल (Israel) के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू (Benjamin Netanyahu) अपने ही देश में घिर गए हैं। बेंजामिन नेतन्याहू के कुछ करीबी राजनीतिक सहयोगियों (Political allies) सहित कई दक्षिणपंथी सांसदों (Right-wing lawmakers) ने उन्हें हमास के साथ संघर्षविराम (Ceasefire) को लेकर आगाह किया है। संघर्षविराम की घोषणा के बाद फिलिस्तीन (Palestine) में जश्न का माहौल है। सीजफायर लागू होने के बाद गाजा सिटी (Gaza City) में फिलिस्तीनी सड़कों पर निकल आए और जश्न मनाया। हमास ने इसे अपनी जीत बताया है।

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के सुरक्षा मंत्रिमंडल ने Gaza City में 11 दिनों के सैन्य अभियान को रोकने के लिए एकतरफा संघर्ष विराम को मंजूरी दी है। इजरायली कैबिनेट ने इसकी पुष्टि की है। असल में, नेतन्याहू ने गाजा में चल रहे सैन्य अभियानों के साथ-साथ विदेशी नेताओं की तरफ से सीजफायर के लिए राजनयिक प्रयासों (Diplomatic efforts) पर चर्चा करने के लिए गुरुवार शाम को उच्च-स्तरीय सुरक्षा कैबिनेट (High-end security cabinet) की बैछक बुलाई। बैठक में कैबिनेट के मंत्रियों ने संघर्षविराम प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। टाइम्स आॅफ इजरायल की रिपोर्ट के मुताबिक, कैबिनेट में मतदान से पहले न्यू होप के नेता गिदेयोन सार ने नेतन्याहू सरकार की सीजफायर की योजना की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि सीजफायर हमास (Hamas) और अन्य ‘आतंकी गुटों’ (Terrorist groups) के खिलाफ “इजरायल की कार्रवाई को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाएगा।”





गिदेयोन सार ने कहा, ‘हमास को मजबूत होने से रोकने, गाजा में बंधक बनाए गए इजरायली सैनिकों (Israeli soldiers) और नागरिकों की बगैर वापसी सीजफायर करना राजनीतिक नाकामी (Political failure) होगी। और भविष्य में ब्याज सहित इसकी कीमत चुकानी पड़ेगा।’ मुखर सहयोगी माने जाने वाले गिदेयोन सार अब इजरायली पीएम नेतान्याहू (Israeli PM Netanyahu) के बड़े आलोचक बन चुके हैं। उन्होंने नेतान्याहू के साथ दक्षिणपंथी सरकार के गठन से भी इनकार कर दिया है।

पूर्वी यरुशल में अल-अक्सा मस्जिद में झड़प के बाद से पिछले 11 दिनों में हमास और फिलिस्तीन के अन्य चरमपंथी गुटों ने इजरायल पर चार हजार के करीब रॉकेट दागे। हमास के रॉकेट दागने पर इजरायल ने भी जवाबी कार्रवाई में गाजा पट्टी पर ताबड़तोड़ हमले किए जिसमें 227 फिलिस्तीनियों की जान चली गई। वहीं हमास के हमले में इजरायल में 11 लोगों की मौत हो गई।

एक अन्य दक्षिणपंथी राजनेता और एविग्डोर लिबरमैन (Avigdor Lieberman) के अध्यक्ष यइजरायल बेयटेनु (Israel Beytenu) सीजफायर को “नेतन्याहू की एक और विफलता” बताया है। बातचीत में उन्होंने कहा, ‘आतंकी गुट के प्रति सरकार की पिछली नरमी के कारण हमास इजरायल को धमकी देने की स्थिति में आ गया है और सीजफायर उसे और मजबूत बना सकता है।’ लिबरमैन ने नेतन्याहू पर ही हमास को मजबूत बनाने का आरोप लगा दिया। उन्होंने कहा, हमास आज जहां है, वहां उसे पहुंचाने में नेतन्याहू की भूमिका है। नेतन्याहू ने ही हमास को मजबूत बनने में सक्षम बनाया है।

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