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नक्सल फंडिंग : छत्तीसगढ़ में ईडी ने दो भाइयों की कुर्क की जमीन, कुर्क की 29 लाख की खेती की जमीन

रायपुर – छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में नक्सल फंडिंग से जुड़े मामले में अश्विनी वर्मा और तमेश वर्मा की संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नक्सल फंडिंग के मामले में दोनों की 29.75 लाख रुपये की संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया है। नक्सल फंडिंग को लेकर  दोनों (अश्विनी वर्मा और तमेश वर्मा)पर साल 2018 में खैरागढ़ में नक्सलियों से पैसा लेकर जमीन खरीदने और अनाज खरीदने के मामले में FIR दर्ज हुई थी।

 

ED ने कुर्क की राजनांदगांव में कृषि भूमि

अश्विनी वर्मा और तमेश वर्मा दोनों ही राजधानी रायपुर में रहते हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002  के प्रावधानों के तहत वर्मा बंधुओं की संपत्ति को कुर्क करने के लिए आदेश जारी किया है। कुर्क संपत्ति राजनांदगांव जिले में स्थित एक कृषि भूमि है, जो अश्विनी वर्मा और उनके छोटे भाई तमेश वर्मा के नाम पर सरकारी दस्तावेजों में दर्ज है। प्रवर्तन निदेशालय ने छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी और 30 अक्टूबर 2018 की अंतिम रिपोर्ट के आधार पर जांच शुरू की थी।

 

नोटबंदी के दौरान नक्सलियों से लिया था पैसा

निदेशालय के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक कि अश्विनी ने नोटबंदी के दौरान नक्सलियों से नकद पैसा लिया था। इस पैसे के बदले राजनांदगांव के कई किसानों से अनाज की खरीदी हुई। पुलिस ने खैरागढ़ के मारुटोला में रहने वाले अश्विनी वर्मा को पकड़ा था। अश्वनी वर्मा से मिली जानकारी के आधार पर जनताना सरकार के अध्यक्ष बकरकट्टा के कौरवा निवासी उत्तम उर्फ बोधी गोड़ और प्रहलाद कंवर को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था।

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