धर्म

25 मई को है नरसिंह जयंती,इस तरह से करें भगवान नृसिंह को प्रसन्न

वैशाख माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरसिंह जयंती के रूप में मनाया जाता है। नरसिंह देवता भगवान विष्णु (Lord vishnu) के चौथे अवतार हैं। भगवान श्री नृसिंह जयंती 25 मई मंगलवार को मनाई जाएगी। हमेशा की तरह विष्णु भगवान ने यह अवतार भी अपने भक्त के कल्याण के लिए ही धारण किया था। इसी दिन भगवान श्री नृसिंह जी ने खंभे को चीरकर भक्त प्रह्लाद की रक्षार्थ अवतार लिया था। इसलिए इस दिन को जयंती उत्सव के रूप में मनाया जाता है। उनका सिर सिंह का था और शरीर मानव का था इसलिए उनका नाम नृसिंह था। हालांकि कोरोना काल होने की वजह से सभी धार्मिक कार्य सीमित ही होंगे। पिछली बार भी कोरोना संकट की वजह से नरसिंह जयंती (Narsingh Jayanti) पर भगवान नरसिंह जी की शोभायात्रा नहीं निकाली गई थी। सिर्फ मंदिरों में ही पूजा-पाठ और धार्मिक कार्य संपन्न हुए थे। इस दिन भगवान विष्णु के साथ शिव जी की पूजा करने से नृसिंह भगवान प्रसन्न होते हैं। जानते हैं नृसिंह जयंती का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

प्रहलाद को बचाने के लिए लिया था अवतार
भगवान विष्णु को नरसिंह का अवतार तब लेना पड़ा था, जब राजा हिरण्यकश्यप (Hiranyakashyap) का अंहकार चरम पर पहुंच गया था। उनके भक्त प्रहलाद पर उसके अत्याचार सभी सीमाओं को लांघते जा रहे थे। तब भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लिया था।

हिरण्यकश्यप का वध
वैशाख शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरसिंह जयंती के रूप में मनाने की परंपरा है। इस दिन नरसिंह भगवान की पूजा का विशेष पुण्य प्राप्त होता है। इस दिन भगवान विष्णु ने आधे नर और आधे सिंह का अवतार लिया था। इसी वजह से नरसिंह अवतार कहा जाता है।

नरसिंह जयंती महत्व
इस पावन दिन नरसिंह भगवान की पूजा करने से सभी तरह के संकट दूर हो जाते हैं।
इस दिन व्रत रखने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है।
इस पावन दिन विधि- विधान से पूजा करने से जीवन आनंदमय हो जाता है।

नरसिंह जयंती शुभ मुहूर्त
नरसिंह जयंती 25 मई 2021
दिन- मंगलवार
दोपहर 4 बजकर 26 मिनट से शाम 7 बजकर 11 मिनट तक
पूजा की अवधि 2 घंटे 45 मिनट

पूजा – विधि
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीपक प्रज्वलित करें।
भगवान नरसिंह को पुष्प अर्पित करें।
भगवान नरसिंह का अधिक से अधिक ध्यान करें।
इस पावन दिन भगवान नरसिंह को भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
भगवान नरसिंह की आरती भी करें।

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