प्रमुख खबरें

WHO ने भारत, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में मिले वैरिएंट को दिया नाम

प्रमुख खबरें जिनेवा। कोरोना वाइरस (corona virus) जिस तरह से अपने रूप बदल रहा है, उस वाइरस की पहचान करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)  नामकरण भी कर रहा है। कोरोना की दूसरी लहर (second wave) के बाद भारत, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में मिले नए वैरिएंट (Variant) के भी अलग अलग नामकरण किया है। वायरस के ये म्‍यूटेंट अलग-अलग देशों में पाए गए थे।

जैसे भारत में पहली बार कोरोना के जिस प्रकार का पता चला था वो बी.1.167.2 था। ये भारत में सबसे पहले पाए गए तीन में से एक उप-प्रकार है। ये भारत में अक्‍टूबर 2020 में पाया गया था। ये स्‍ट्रेन अब तक दुनिया के करीब 53 देशों में मिल चुका है। इसको विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य ने बेहद घातक बताया है। इसी तरह से बी. 1.617.1 को अब कप्‍पा के नाम से जाना जाएगा।

इसी तरह से ब्रिटेन में मिले कोरोना के वैरिएंट बी.1.1.7 को संगठन ने एल्‍फा का नाम दिया है। दक्षिण अफ्रीका में पहली बार मिले वैरिएंट (Variant) बी.1.351 को डब्‍ल्‍यूएचओ ने बीटा (Beta) का नाम दिया है, जबकि ब्राजील में मिले पी.1 स्‍ट्रेन को गामा कहा गया है। ये स्‍ट्रेन पहली बार नवंबर 2020 में मिला था। अमेरिका में मिले स्‍ट्रेन को एप्‍सीलोन और आइओटा (Epsilon and iota) बताया गया है।

कहीं ज्‍यादा घातक और संक्रामक है ये स्‍ट्रेन

संगठन के मुताबिक ये स्‍ट्रेन अब तक मिले दूसरे स्‍ट्रेन से कहीं ज्‍यादा घातक और संक्रामक है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की तरफ से इन वैरिएंट को ऐसे समय में नाम दिया गया है जब भारत में पहली बार मिले वैरिएंट को लेकर केंद्र सरकार ने आपत्ति जताई थी क्‍योंकि इसको रिपोर्ट में भारतीय वैरिएंट बताया जा रहा था।

भारत की आपत्ति के बाद डब्‍ल्‍यूएचओ ने साफ किया था कि वो किसी देश के नाम पर किसी भी वैरिएंट का नाम नहीं रखता है। संगठन की तकनीकी प्रमुख डॉक्‍टर मारिया वेन करखोव (Doctor Maria Van Kerkhove) का कहना है कि वैरिएंट का नामकरण होने के बाद भी इसका वैज्ञानिक नाम नहीं बदला जाएगा। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि इस नाम में ही इनकी खासियत छिपी होती है और वायरस की प्रमुख जानकारियां इससे ही पता चल जाती हैं। रिसर्च के दौरान भी इन्‍हीं नाम का उपयोग किया जाएगा।

Web Khabar

वेब खबर

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button