मन की बात को लेकर सांसद महुआ मोइत्रा का विवादित ट्वीट, लिखा-‘मंकी बात’ को…
हाल ही पीएम मोदी के मन की बात का 100वां एपिसोड प्रसारित हुआ था। जिसमें छात्रों, सरकारी संस्थानों को इसे सुनने के लिए प्रेरित किया गया था, लेकिन इस दौरान नर्सिंग की 36 छात्राओं द्वारा कार्यक्रम को नहीं सुनने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की गई।
नई दिल्ली : हाल ही पीएम मोदी के मन की बात का 100वां एपिसोड प्रसारित हुआ था। जिसमें छात्रों, सरकारी संस्थानों को इसे सुनने के लिए प्रेरित किया गया था, लेकिन इस दौरान नर्सिंग की 36 छात्राओं द्वारा कार्यक्रम को नहीं सुनने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की गई। जिसको लेकर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने विवादित ट्वीट किया है। उन्होंने मन की बात को मंकी बात कहा है।
छात्रों पर हॉस्टल से बाहर जाने की रोक
ट्वीट करते हुए कहा, “मैंने भी मंकी बात (Monkey Baat) नहीं सुनी है। एक बार भी नहीं। कभी सुनूंगी भी नहीं। क्या मुझे भी सजा मिलने वाली है? क्या मुझे एक हफ्ते के लिए अपने घर से बाहर निकलने से मना किया जाएगा? गंभीर रूप से चिंतित हूं।” दरअसल, चंडीगढ़ में पीजीआईएमईआर प्रशासन ने पीएम मोदी के मन की बात के 100वें एपिसोड में शामिल होने पर नर्सिंग के 36 छात्रों पर हॉस्टल से बाहर जाने पर रोक लगा दी।
जारी किया गया लिखित आदेश
पीजीआईएमईआर के अधिकारियों ने एक लिखित आदेश जारी किया था। जिसमें कहा गया था कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग एजुकेशन (एनआईएनई) के सभी नर्सिंग छात्रों को कैंपस के कार्यक्रम में भाग लेना चाहिए। 30 अप्रैल को मन की बात का प्रसारण किया गया था। गुरुवार (11 मई) को पीजीआईएमईआर की ओर से जारी एक बयान में अपने फैसले का बचाव किया। संस्थान ने कहा कि ये रेगुलर कर्रिकुलर एक्टिविटीज के तहत किया गया था। जिसमें गेस्ट लेक्चर और डिस्कसन के लिए एक्सपर्ट्स और प्रोफेशनल्स को आमंत्रित किया गया था।
प्रिंसिपल ने जारी किया था आदेश
एक रिपोर्ट के अनुसार, संस्था के प्रिंसिपल डॉ. सुखपाल कौर द्वारा जारी आदेश में कहा गया है, ‘निदेशक, पीजीआई के निर्देशानुसार छात्रों और छात्रावास समन्वयक को यह संदेश दिया गया कि पहले और तीसरे साल के छात्रों को मन की बात के 100वें एपिसोड में विशेष कार्यक्रम में शामिल होना अनिवार्य था।’ उस पत्र के अनुसार, एक चेतावनी जारी की गई थी कि ‘व्याख्यान में शामिल नहीं होने वाले छात्रों का बाहर जाना रद्द कर दिया जाएगा’ और छात्रावास के रात और सुबह के दौरों के दौरान फिर से याद दिलाने के बावजूद 36 छात्र कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए।’