मप्र में 18+ के वैक्सीनेशन पर अब भी संशय, मप्र को आज मिले सिर्फ 1.5 लाख डोज
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मुख्यमंत्री शिवराज कल स्वास्थ्य मंत्री और अन्य मंत्रियों से करेंगे बात
भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya pradesh) को पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन (vaccine) नहीं मिलने पर 18 + के टीकाकरण पर अभी भी संशय बना हुआ है। लोगों को कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) कब से लगेगी इसे लेकर आज देर शाम चल चली हाई लेवल मीटिंग (High level meeting) में फैसला नहीं हो पाया है। दरअसल, मध्य प्रदेश को सिर्फ डेढ़ लाख डोज ही मिले हैं। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने बताया कि वे रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन (Union Health Minister Dr. Harsh Vardhan) सहित अन्य मंत्रियों से बात करेंगे।
मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि भले ही 18 से 45 साल के लोगों के लिए राज्य सरकार (state government) को सीधे कंपनी से वैक्सीन खरीदना है, लेकिन किस राज्य को कितने डोज कब सप्लाई होगी, यह केंद्र सरकार को तय करना है। ऐसे में अब मुख्यमंत्री रविवार को केंद्र से मप्र को ज्यादा डोज उपलब्ध कराने को लेकर बात करेंगे।
सरकार ने कोविशील्ड (Covishield) के 45 लाख और कोवैक्सिन के 10 लाख डोज (1 million doses) के आॅर्डर दिए हैं, लेकिन अभी डिलीवरी नहीं हुई है। हालांकि शुक्रवार रात हैदराबाद से प्रदेश में डेढ़ लाख कोवैक्सिन (One and a half million covaxins) के डोज पहुंची हैं। अब ऐसी संभावना है कि सरकार 5 मई को वैक्सीनेशन पार्ट-3 (Vaccination Part-3) की औपचारिक शुरूआत कर सकती है। क्योंकि छत्तीसगढ़ सरकार ने ऐसा ही किया है। इस बैठक से पहले चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग (Medical Education Minister Vishwas Sarang) का बयान आया था कि उन्होंने कहा कि मैन पावर, रिसोर्स तैयार हैं। वैक्सीन के डोज मिलते ही वैक्सीनेशन शुरू करेंगे।
वैक्सीन के डोज उपलब्ध नहीं होने के कारण सरकार ने प्रदेश में 1 मई से वैक्सीनेशन टाल दिया था, जबकि वैक्सीनेशन पार्ट-3 के पहले दिन टीका लगवाने के लिए प्रदेश में 77 हजार लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था। वैक्सीन की उपलब्धता न होने से वैक्सीनेशन ड्राइव (Vaccination drive) नहीं शुरू हुआ है। सूत्रों के अनुसार सरकार ‘पहले आओ और पहले पाओ’ की तर्ज पर वैक्सीनेशन शुरू कर सकती है। प्रदेश में वैक्सीनेशन के लिए कोविन पोर्टल (Covein portal) और आरोग्य सेतु (aarogy setu) पर 28 अप्रैल से रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है। एक मई के लिए पूर्व प्रदेश में 77 हजार स्लॉट बुक थे।
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स्कूल व कॉलेज परिसरों को बनाया जाएगा सेंटर
सूत्रों का कहना है कि वैक्सीनेशन की नई ड्राइव के लिए मौजूदा व्यवस्था में बदलाव किया जा रहा है। अभी तक अस्पतालों को सेंटर बनाया गया है, लेकिन 18 से 45 साल तक के लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए स्कूल और कॉलेज परिसरों को सेंटर बनाया जा रहा है। इसकी वजह यह है कि अस्पतालों में कोरोना के मरीजों की संख्या ज्यादा होने से भीड़ लग रही है। इसलिए नए सेंटर बनाने के लिए स्कूल व कॉलेज परिसरों का चयन किया जा रहा है।