धर्म

14 दिसंबर को है मोक्षदा एकादशी, बन रहा है सर्वार्थ सिद्धि व अमृत सिद्धि योग

हर वर्ष मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी का व्रत रखा जाता है इसी दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है। इस वर्ष मोक्षदा एकादशी 14 दिसंबर दिन मंगलवार को हैं। मोक्षदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा विधिपूर्वक की जाती हैं साथ ही एकादशी व्रत की कथा का पाठ भी किया जाता हैं। मोक्षदा एकादशी के नाम से ही स्पष्ट है कि इस व्रत को करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मोक्षदा एकादशी व्रत के प्रभाव से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और व्रत करने वाले को को स्वर्गलोक प्राप्त होता है। इस वर्ष मोक्षदा एकादशी के दिन अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। आइए जानते हैं अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग से होने वाले लाभ के बारे में।

मोक्षदा एकादशी तिथिः हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 13 दिसंबर सोमवार को रात 09:32 पर होगा। एकादशी तिथि 14 दिसंबर को रात्रि 11:35 पर समाप्त होगी। व्रत के लिए उदयातिथि ही मान्य होती है इसलिए मोक्षदा एकादशी का व्रत 14 दिसंबर को ही रखा जाएगा। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग सुबह 07:06 से 15 दिसंबर को प्रात: 04:40 तक रहेगा।

मोक्षदा एकादशी 2021 सर्वार्थ सिद्धि योग
पंचांग के अनुसार, इस वर्ष 14 दिसंबर दिन मंगलवार, जो कि मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी है, उस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग प्रात: 07:06 बजे से बन रहा है। यह योग अगले दिन 15 दिसंबर दिन बुधवार को प्रात: 04:40 बजे तक है, वहीं एकादशी तिथि 14 दिसंबर को रात 11:35 बजे तक है।

मोक्षदा एकादशी 2021 अमृत सिद्धि योग
मोक्षदा एकादशी के दिन अमृत सिद्धि योग भी सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ ही बन रहा है।

मोक्षदा एकादशी 2021 पारण समय
जो लोग 14 दिसंबर को मोक्षदा एकादशी का व्रत रखेंगे, उनको व्रत का पारण 15 दिसंबर को प्रात: 07 बजकर 06 मिनट से सुबह 09 बजकर 10 मिनट के बीच कर लेना चाहिए.
मोक्षदा एकादशी का महत्व
मोक्षदा एकादशी का अर्थ है मोक्ष प्रदान करने वाली एकादशी। इस एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष प्राप्त होता है। आप इस एकादशी के पुण्य लाभ को अपने पितरों को अर्पित करके उनको मोक्ष दिलाने का प्रयास कर सकते हैं। मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को ही भगवान श्रीकृष्ण ने अजुर्न को गीता का उपदेश दिया था, इसलिए मोक्षदा एकादशी का महत्व और बढ़ जाता है।

सर्वार्थ सिद्धि योग का लाभ
पंचांग के अनुसार सर्वार्थ सिद्धि योग अत्यंत ही शुभ योग होता है। इस योग में किए गए सभी कार्य सिद्ध होते हैं। इस दिन आप अपने विशेष कार्य को प्रारंभ कर उसमें सफलता प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि कुछ विशेष तिथियों पर बना सर्वार्थ सिद्धि योग अशुभ भी होता है।

एकादशी पूजा विधि
एकादशी के व्रत के दिन सबसे पहले उगते सूर्य के दर्शन कर सूर्य देव को अर्घ्य दें, फिर पूजा स्थल की सफाई करने के बाद गंगाजल छिड़क कर पूजा के स्थान को पवित्र करें। साथ ही भगवान को गंगाजल से स्नान करा कर इन्हें रोली, चंदन, अक्षत, पीले फूल, पीली मिठाई आदि अर्पित करें। भगवान विष्णु को तुलसी अत्यंत प्रिय है। इसलिए विष्णु भगवान को तुलसी के पत्ते का भोग लगाएं, फिर भगवान गणेश की आरती कर विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें।

अमृत सिद्धि योग का लाभ
मोक्षदा एकादशी पर अमृत सिद्धि योग का बनना बहुत शुभ है। अमृत सिद्धि योग मांगलिक कार्यों को करने के लिए बहुत ही अच्छा योग माना जाता है। हालांकि सोमवार के दिन षष्ठी तिथि होने पर बना यह योग अशुभ माना जाता है।
सभी योग सप्ताह के सातों दिन (वार) और नक्षत्र की स्थिति के अनुसार बनते हैं। जब भी कोई आपको विशेष कार्य करना हो तो एक बार अवश्य ही किसी योग्य ज्योतिषाचार्य या पुरोहित से मुहूर्त दिखा लें।

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