योगी सरकार में मंत्रियों की बढ़ी मुश्किलें,अफसरों को नहीं कैबिनेट में मंत्रियों को खुद देना होगा प्रेजेंटेशन

लखनऊ – उत्तर प्रदेश की जनता ने एक फिर योगी को सूबे की कमान सौंपी है। जिसके बाद योगी और ज्यादा विश्वास और रफ्तार के साथ यूपी के विकास में जुट गए हैं। दूसरी बार सरकार बनाने वाले योगी सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सूत्र पहले ही अंगीकार कर चुके मुख्यमंत्री इसे अपने दूसरे कार्यकाल की नई सरकार के लिए फार्मूला बनाते नजर आ रहे हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ न मंत्रियों की कामकाज को लेकर सक्रियता पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं, बल्कि वे विभाग के प्रदर्शन के जवाबदेह भी बनें इसके प्रयास भी योगी ने करने शुरू कर दिए हैं।
अधिकारी नहीं खुद दे विभाग का प्रेजेंटेशन
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कैबिनेट के सामने प्रस्तुतीकरण मंत्रियों को ही करना होगा, अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव सिर्फ सहयोग के लिए उपस्थित रहेंगे। मुख्यमंत्री योगी ने बुधवार को लोकभवन में विभिन्न विभागों के कामकाज की समीक्षा की। आदित्यनाथ ने कहा कि जनसमस्याओं का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। किसी भी स्तर पर शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
पहले ही मिल चुका है इशारा
नए मंत्रिपरिषद का गठन किया गया है, उससे इशारा मिल ही चुका है कि सरकार अब मंत्रियों के काम का आकलन भी करना चाहती है। जब एक-एक प्रस्ताव से वह सीधे जुड़े होंगे, तब उनकी जवाबदेही बनेगी और अप्रत्यक्ष रूप से नौकरशाही पर भी कुछ नियंत्रण रहेगा। बता दें कि पीएम मोदी भी अपने कैबिनेट सहयोगियों को विभाग के कामकाज के प्रति ज्यादा से ज्यादा उत्तरदायी बनाने के लिए लगातार कुछ न कुछ अलग करते रहते हैं। उन्हीं की राह पर चलते हुए योगी ने मंत्रियों को ये नया टॉस्क दिया है।