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अध्ययन में दावा: दूसरी लहर से कम खतरनाक होगी कोरोना की तीसरी लहर

ताजा खबर : नई दिल्ली। देश में कोरोना (Corona) की दूसरी लहर (Second Wave) कोहराम मचाने के बाद अब शांत होने लगी है। लेकिन कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट (Delta Plus Variants of Corona) के बढ़ते मरीजों से तीसरी लहर (Third Wave) की आशंका दिखाई देने लगी है, जिसके कारण केन्द्र से लेकर राज्य सरकारों की चिंताएं बढ़ने लगी हैं। इस बीच आईसीएमआर (ICMR) के अध्ययन (Study) में दावा किया गया है कि देश में अगर कोरोना की तीसरी लहर आती भी है तो दूसरी लहर जितनी घातक नहीं होगी। लेकिन तीसरी लहर में डेल्टा प्लस वैरिएंट अपनी बड़ी भूमिका निभा सकता है।

अध्ययन में यह भी कहा गया है कि भारत (India) में टीकाकरण अभियान (vaccination campaign) में तेजी लाने से ना सिर्फ कोरोना की तीसरी लहर से बल्कि भविष्य में किसी अन्य लहर को रोकने में बड़ी मदद मिलेगी। ICMR के अध्ययन में तीसरी लहर की संभावनाओं पर बात करते हुए कहा गया है कि संक्रमण आधारित प्रतिरक्षा क्षमता ये इम्युनिटी कैपेसिटी (immunity capacity) समय के साथ कम हो सकती है। ऐसे में पहले से संक्रमण की हद में आ चुके लोग एक बार फिर संक्रमित हो सकते हैं।





जानकारी के मुताबिक आईसीएमआर की हाल ही में की गई एक और स्टडी से पता चला है कि कोरोना की पहली लहर (first wave) के मुकाबले दूसरी लहर में गर्भवती महिलाएं (pregnant women) ज्यादा गंभीर रूप से प्रभावित हुई हैं, जिसके कारण इस साल मृत्यु दर और संक्रमित मामलों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। आईसीएमआर के डायरेक्टर-जनरल (डीजी) डॉ. बलराम भार्गव (Director-General (DG) Dr. Balram Bhargava) का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) की गाइडलाइन है कि गर्भवती महिलाओं को टीका लगाया जा सकता है। टीकाकरण (vaccination) गर्भवती महिलाओं के लिए उपयोगी है और इसे दिया जाना चाहिए।

गौरतलब है कि अप्रैल-मई महीने में कोरोना की दूसरी लहर ने काफी तबाही बचाई थी। इस दौरान, रोजाना सामने आने वाले मामलों की संख्या ने रिकॉर्ड तोड़ दिया था। अब जब दैनिक मामलों में तेजी से कमी आई है तो सरकार ने तीसरी लहर को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। सरकार जल्द-से-जल्द अधिक लोगों को कोविड-19 का टीका लगाने की कोशिश कर रही है।

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