श्री महाकाल लोक: तेज तूफान में गिरीं सप्तऋषियों की मूर्तियां, कई टूटकर बिखरीं
महाकाल लोक में सप्तऋषियों की प्रतिमा तेज हवा के कारण नीचे गिरी हैं, जिनमें से एक मूर्ति की गर्दन टूट गई जबकि दो मूर्तियों के हाथ टूटे हैं साथ ही कुछ मूर्तियों के माथे पर क्रेक भी आया है। हवा आंधी इतनी तेज थी कि महाकाल लोक की और भी मूर्तियां हवा के दबाव में हिल रही थी।
उज्जैन। मध्यप्रदेश में एक बार फिर मौसम का मिजाज बदला हुआ है। कई जिलों में तेज आधी-तूफान के साथ बारिश भी हो रही है। तेज आंधी तूफान का असर महाकाल की नगरी उज्जैन में भी देखने को मिला है। रविवार शाम 4 बजे के करीब चली तेज आंधी के कारण श्री महाकाल लोक में स्थापित कुछ मूर्तियां गिर गई। इसमें सप्तऋषियों की भी कई मूर्तियां खंडित हुई है। उज्जैन में ही श्री सांदीपनि आश्रम के सामने आंधी से पेड़ उखड़कर गिर पड़ा। हादसे में कई श्रद्धालु बाल-बाल बचे। इसके अलावा शहर में आंधी तूफान के चलते कई जगह पेड़ भी गिर गए।
महाकाल लोक में सप्तऋषियों की प्रतिमा तेज हवा के कारण नीचे गिरी हैं, जिनमें से एक मूर्ति की गर्दन टूट गई जबकि दो मूर्तियों के हाथ टूटे हैं साथ ही कुछ मूर्तियों के माथे पर क्रेक भी आया है। हवा आंधी इतनी तेज थी कि महाकाल लोक की और भी मूर्तियां हवा के दबाव में हिल रही थी। मूर्तियां गिरते देख गार्ड्स ने मौके से पर्यटकों को हटाया। गनीमत रही कि मूर्ति गिरने के दौरान कोई पर्यटक उसकी चपेट में नहीं आया। घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई।
मूर्तियों को पत्थर में किया जाएगा परिवर्तित: कलेक्टर
कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने कहा है कि शहर में काफी तेज आंधी थी, कई पेड़ उखड़ गए हैं। महाकाल लोक में कुछ मूर्तियां गिरी हैं। सभी मूर्तियां एफआरपी की थी जिन्हें सुंदरता के दृष्टिगत सीमेंटेड नहीं किया गया था। सिर्फ यही मूर्तियां गिरी हैं, बाकि कहीं कुछ नहीं हुआ। जल्द ही मूर्तियों को पत्थर की मूर्तियो में परिवर्तित किया जाएगा। इन मूर्तियों के 5 साल तक मेंटेनेंस की जिम्मेदारी कंपनी की है इसलिए कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। ऐसे प्रयास किए जाएंगे कि इन घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो। यह भी देखा जाएगा कि बाकी मूर्तियों की जमावट ठीक है या नहीं।
रविवार का दिन होने से बड़ी संख्या में पहुंचे थे श्रद्धालु
श्री महाकाल लोक से मिली जानकारी के अनुसार जिस समय आंधी और बारिश का दौर शुरू हुआ। बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकाल लोक में मौजूद थे। रविवार का दिन होने की वजह से बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकाल लोक दर्शन करने पहुंचे हुए थे। बताया जा रहा है कि हादसे में कई श्रद्धालु बाल-बाल बचे। बता दे पीएम नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2022 को जिनमें विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर के नए परिसर महालोक का लोकार्पण किया था।
कमलनाथ ने उठाए सवाल
मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने मध्य प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने जब उज्जैन में महाकाल मंदिर परिसर का भव्य निर्माण करने का संकल्प लिया था, तब इस बात की कल्पना नहीं की थी कि बाद की सरकार महाकाल लोक के निर्माण में भी गंभीर अनियमितता करेगी। आज जिस तरह से महाकाल लोक परिसर में आंधी चलने से देव प्रतिमाएं जमीन पर गिर गईं, वह दृश्य किसी भी धार्मिक व्यक्ति के लिए अत्यंत करुण दृश्य है। मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि महाकाल लोक में जो प्रतिमाएं गिरी हैं, वहां नई प्रतिमाएं तुरंत स्थापित की जाएं और घटिया निर्माण करने वालों को जांच कर दंडित किया जाए।
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