रवि-पुष्य योग में बन रहा है महायोग, इन चीजों की खरीदी करने से घर में बनी रहेगी सुख-समृद्धि

हिंदू धर्म में ये मान्यता है कि शुभ मुहूर्त में किया जाना वाला कोई भी काम जरूर सफल होता है । पंचांग (Panchang) के अनुसार 11 जुलाई 2021 को रवि पुष्य योग (Ravi Pushya Nakshatra) का संयोग बन रहा है। खास बात यह है कि इस दिन सर्वार्थसिद्धि योग भी है। इस तिथि से आषाढ़ मास का शुक्ल पक्ष आरंभ होगा। रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र होने के कारण इसे रवि पुष्य योग कहा जाता है, जो अत्यंत शुभ योगों में से एक माना गया है। ज्योतिष में सभी 27 नक्षत्रों में पुष्य नक्षत्र को बहुत ही शुभ माना गया है। यह नक्षत्र सभी अनिष्ट का नाश करने वाला और सर्व सफलता दिलाने वाला होता है। पुष्य नक्षत्र में विवाह को छोड़कर अन्य सभी शुभ कार्य किए जा सकते हैं। रवि पुष्य योग को सभी तरह के शुभ कार्य और खरीदारी का महा मुहूर्त माना गया है। इस शुभ योग में नया काम और खरीदारी करने पर घर में सुख समृद्धि का वास होता है।साल 2021 का यह पहला और आखिरी रवि पुष्य संयोग है जो 11 जुलाई की सुबह से लेकर रात के करीब 2 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। इतने देर तक शुभ संयोग होने से इसका महत्व काफी बढ़ गया है। इस तरह का संयोग इसके बाद 10 अप्रैल 2022 को बनेगा जब पूरा दिन रवि पुष्य योग रहेगा। हालांकि इसके बाद 8 अगस्त को फिर पुष्य योग बनेगा लेकिन यह सुबह 9 बजे तक ही रहेगा।
ज्योतिष में पुष्य नक्षत्र
ज्योतिष में कुल 27 नक्षत्रों के बारे में बताया गया है जिसमें से कुछ नक्षत्र शुभ तो कुछ अशुभ माने गए हैं। 27 नक्षत्रों में पुष्य 8 वां नक्षत्र है। पुष्य नक्षत्र को बहुत ही शुभ माना जाता है। इसी नक्षत्र में भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। जब यह नक्षत्र सप्ताह के गुरुवार और रविवार के दिन पड़ता है तो इस दिन महायोग बनता है। गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र पड़ने पर इसे गुरु-पुष्य योग और रविवार के दिन पड़ने पर रवि-पुष्य योग कहा जाता है। इन नक्षत्र के स्वामी बृहस्पतिदेव हैं।
क्यों शुभ है ये नक्षत्र?
सोना-चांदी, वाहन और प्रॉपर्टी खरीदने के लिए रवि पुष्य नक्षत्र को पवित्र माना गया है। 12 राशियों में एकमात्र कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा है और पुष्य नक्षत्र के सभी चरणों के दौरान ही चंद्रमा अपनी ही राशि कर्क राशि में रहता है। इसलिए पुष्य नक्षत्र को धन के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है।
साल का पहला रवि पुष्य योग (Ravi Pushya Nakshatra)
11 जुलाई 2021 को साल का पहला और आखिरी रवि पुष्य योग बन रहा है. इसलिए भी इसे विशेष माना जा रहा है। 07 जुलाई 2021 को बुध का मिथुन राशि में गोचर हो चुका है। बुध को मिथुन राशि का स्वामी माना जाता है। इसके बाद रवि पुष्य का योग का निर्माण होना एक अच्छा संकेत माना जा रहा है। जो धन और करियर के लिए शुभ है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 27 नक्षत्रों में पुष्य नक्षत्र को आठवां नक्षत्र माना गया है। ये नक्षत्र जब गुरुवार और रविवार के दिन होता है तो महायोग बनाता है।
रवि पुष्य योग शुभ मुहूर्त (Ravi Pushya Auspicious Muhurat)
पंचांग के अनुसार 11 जुलाई, रविवार को पुष्य नक्षत्र सूर्योदय के साथ आरंभ होगा और रात्रि में लगभग 02 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। इसकी अवधि लगभग 9 घंटे तक की रहेगी।
इन कार्यों के लिए शुभ रहेगा
रवि पुष्य योग को शुभ मांगलिक कार्यो के साथ इन चीजों की खरीदारी के लिए अच्छा माना जाता है। आभूषण इलेक्ट्रॉनिक आइटम ,वाहन,भूमि, भवन ,फर्नीचर
पुष्य नक्षत्र में नहीं किए जाते हैं ये शुभ कार्य
पुष्य नक्षत्र में विवाह को छोड़कर अन्य कोई भी कार्य किया जा सकता है। माता पार्वती के श्राप के कारण पुष्य नक्षत्र में विवाह करना अशुभ माना गया है।