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महामारी पर बोले विशेषज्ञ: रेमडेसिविर को न समझें ‘मैजिक’ बुलेट, लक्षण दिखें तो कराएं जांच

नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमण (Corona infection) की दूसरी लहर (Second wave) से स्थिति हर दिन बिगड़ती ही जा रही है। देश में तेजी से फैलते संक्रमण से बचाव के लिए चिकित्सा विशेषज्ञों (Medical experts) ने आज चर्चा की। उन्होंने बताया कि लोगों को कौन-कौन सी सावधानियां बरतने की जरूरत हैं। इनमें एम्स दिल्ली (AIIMS DELHI) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया (Dr. Randeep Guleria) , नारायणा हेल्थ के निदेशक डॉ. देवी शेट्टी (Dr. Devi Shetty) और मेदांता के चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहन (Dr. Naresh Trehan) ने देश में कोविड-19 (COVID-19) से संबंधित मुद्दों पर बात की।





एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया (Dr. Randeep Guleria) ने कहा कि कोरोना में 85 फीसदी से अधिक लोग बिना रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remedicivir Injection)जैसे किसी विशेष इलाज के ठीक हो जाएंगे। अधिकतर में सामान्य जुकाम, गले में खराश जैसे लक्षण होंगे। पांच-सात दिन के बाद सिम्टोमैटिक इलाज (Symptomatic treatment) के साथ वो ठीक हो जाएंगे। केवल 15 फीसदी ऐसे होंगे जिनकी स्थिति गंभीर होगी। उन्होंने कहा कि यह समझना जरूरी है कि हममें से अधिकतर जो घबराहट के चलते होम आइसोलेशन (Home isolation) में या अस्पताल में हैं, उन्हें असल में किसी विशेष इलाज की जरूरत नहीं है। केवल एक छोटे हिस्से को रेमडेसिविर की जरूरत है। इसे ‘मैजिक बुलेट (Magic bullet)’ न समझें। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि एक देश के तौर पर अगर हम मिलकर काम करें, आॅक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remedicivir Injection) का उचित उपयोग करें तो कहीं भी इनकी कमी नहीं होगी। ऐसे लोगों की संख्या को लेकर बात करें जिन्हें आॅक्सीजन की जरूरत है, हम पूरी तरह संतुलित हैं।





लक्षण दिख रहे हैं तो जरूर कराएं कोरोना जांच: डॉ. देवी शेट्टी
नारायण हेल्थ के चेयरमैन डॉ. देवी शेट्टी (Dr. Devi Shetty) ने कहा कि अगर आपको बदन दर्द, सर्दी, खांसी, अपच, उल्टी जैसे लक्षण महसूस हो रहे हैं तो मेरा एक महत्वपूर्ण संदेश है, अपनी कोविड-19 (COVID-19) जांच करवाइए। यह सबसे जरूरी चीज है। उन्होंने कहा कि आप एसिम्टोमैटिक हो सकते हैं। ऐसे में चिकित्सक आपको घर पर रहने के लिए, खुद को आइसोलेट करने, मास्क पहनने और हर छह घंटे पर आॅक्सीजन की जांच करने को कहेंगे। डॉ. शेट्टी ने कहा, अगर आपका आॅक्सीजन सैचुरेशन 94 फीसदी से अधिक है तो कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन अगर मेहनत करने के बाद ये कम हो रहा है तो आपको चिकित्सक से संपर्क करने की जरूरत है। यह जरूरी है कि आपको सही समय पर सही इलाज मिले।

 

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बर्बाद न करें तो हमारे पास है पर्याप्त आॅक्सीजन: डॉ. नरेश त्रेहान
मेदांता अस्पताल के चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहान ने बताया लोगों के कम हिस्से को अस्पताल में भर्ती किए जाने की जरूरत है। अस्पताल के बिस्तरों को जिम्मेदारी से और नियमानुसार उपयोग में लाया जाना चाहिए। यह जिम्मेदारी हम सबकी है। हमने अब ये प्रोटोकॉल बनाया है कि हर उस व्यक्ति को रेमडेसिविर नहीं दिया जाएगा जिसकी कोरोना वायरस रिपोर्ट पॉजिटिव आएगी। यह तभी दी जाएगी जब डॉक्टर मरीज की Test report, लक्षण और अन्य बीमारियों की स्थिति जांच लेंगे। रेमडेसिविर ‘रामबाण’ नहीं है, यह उन्हीं लोगों में वायरल लोड को कम करता है जिन्हें इसकी जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि अगर हम सही तरीके से इस्तेमाल करें तो आज हमारे पास पर्याप्त आॅक्सीजन है। मैं जनता से कहना चाहता हूं कि अगर आपको आॅक्सीजन (Oxygen) की जरूरत नहीं तो इसे सुरक्षा आवरण की तरह इस्तेमाल मत करिए। आॅक्सीजन की बबार्दी से केवल यही होगा कि ऐसे लोगों को यह नहीं मिल पाएगी जिसे इसकी सच में जरूरत होगी।

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