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मप्र में कंबल वाले बाबा के शिविर पर छापा, तेल, चूर्ण, दवा बिक्री पर रोक

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मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा के चंदनगांव के पास आयोजित कंबल वाले बाबा के शिविर पर स्वास्थ्य विभाग व पुलिस की टीम ने छापा मारा। शिविर में बाबा लकवा सहित अन्य बीमारियों का कंबल ओढ़ाकर इलाज करने के बाद चूर्ण और तेल बेच रहा था।

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने तेल और चूर्ण सहित अन्य दवाओं की बिक्री पर रोक लगाई है और ड्रग इंस्पेक्टर ने चूर्ण और तेल के नमूने लिए हैं जिन्हें जांच के लिए भेजा जाएगा। हालांकि स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की कार्रवाई के बाद शिविर चालू रहा पर दवाओं की बिक्री नहीं हुई।

सीएमएचओ डॉ नरेश गुन्नाड़े के अनुसार स्वास्थ्य शिविर की जानकारी पर पुलिस के साथ मिलकर शुक्रवार रात को मौके पर जाकर जांच की। यहां गुजरात निवासी गणेश यादव कंबल वाले बाबा लकवा का इलाज करने का दावा कर रहा है।

जांच के दौरान वहां मालिश के लिए दिया जा रहा तेल और चूर्ण जब्त किया है। नियमानुसार बिना अनुमति के दवा नहीं बेच सकते है। बताया जाता है कि शिविर के बाद इलाज कराने वालों को 12 सौ रुपए में चूर्ण और तेल का विक्रय किया जा रहा था।

स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई के बाद शनिवार को शिविर में दवा का विक्रय नहीं किया जा रहा है लेकिन बाबा के दरबार में लोगों की भीड़ लगी हुई थी।

कंबल वाले बाबा का असली नाम गणेश गुर्जर है और वे गुजरात से ताल्लुक रखते हैं। उनका कहना है कि जब वे चार साल के थे, तभी देवी ने उन्हें चमत्कारी कंबल का आशीर्वाद दिया था। तभी से वे “कंबल वाले बाबा” के नाम से प्रसिद्ध हैं और कंबल के जरिए लकवा, बहरेपन, गठिया जैसी बीमारियों से पीड़ित लोगों का इलाज करने का दावा करते हैं। कंबल वाले बाबा का कहना है कि जहां विज्ञान खत्म होता है, वहां से अध्यात्म शुरू होता है।

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