मध्यप्रदेश

शिवराज सरकार का फैसलाः इंदौर, उज्जैन समेत कई शहरों में 19 अप्रैल तक बढ़ा लॉकडाउन, कुछ और क्षेत्रों में लगी पाबंदियां

  • उज्जैन में महाकाल के मंदिर पुजारी की संक्रमण से मौत, सभी मंदिर किए गए बंद

भोपाल। दूसरी लहर में कोरोना संक्रमितों की निरंतर बढ़ रही संख्या को देखते हुए मध्यप्रदेश के कई इंदौर, उज्जैन समेत कई शहरों में 19 अप्रैल तक लॉकडाउन कर दिया गया है। कुछ शहरों में शुक्रवार रात से सोमवार सुबह तक लॉकडाउन लागू था। उसे अब बढ़ाकर 19 अप्रैल तक कर दिया गया है।

यह निर्णय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान की अध्यक्षता में शनिवार को जिला आपदा प्रबंध समितियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई समीक्षा बैठक में लिया गया। जिला आपदा प्रबंध समितियों से विस्तृत चर्चा के बाद महामारी को रोकने के लिए यह फैसला किया गया।  इस संबंध में जिला कलेक्टरध्दंडाधिकारी जिला आपदा प्रबंधन समितियों की सहमति अनुसार धारा 144 के तहत आदेश जारी करेंगे।





कहां कब से कब तक लॉकडाउन

  • इंदौर शहर, राऊ नगर, महू नगर, शाजापुर शहर  और उज्जैन शहर (एवं उज्जैन जिले के सभी नगरों) में 19 अप्रैल की सुबह 6 बजे तक।
  • बड़वानी, राजगढ़, विदिशा जिलों में (शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में ) 19 अप्रैल सुबह 6 बजे तक
  • बालाघाट, नरसिंहपुर, सिवनी जिलों (शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों) और जबलपुर शहर में 12 अप्रैल की रात से 22 अप्रैल की सुबह तक

भोपाल में मौत का तांडव, श्मशान व कब्रिस्तान में कम पड़ी जगह
तेजी से फैलते संक्रमण के बीच राजधानी भोपाल में हालात कुछ ऐसे हो गए हैं कि यहां के श्मशान घाट और कब्रिस्तानों में शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए जगह की कमी पड़ने लगी है। भोपाल के भदभदा विश्राम घाट को कोविड-19 से मरे लोगों के शव जलाने के लिए निर्धारित किया गया है, लेकिन शुक्रवार को यहां 41 शवों का अंतिम संस्कार किए जाने के बाद आठ शवों को लौटा दिया गया। उन्हें शनिवार की सुबह आने के लिए कहा गया।

भोपाल गैस कांड के 37 साल बाद दर्दनाक मंजर
भोपाल में ऐसा दर्दनाक मंजर 37 साल के बाद देखने को मिला है। इसके पहले साल 1984 में हुई गैस त्रासदी के दौरान भी यहां के श्मशान घाट और कब्रिस्तान में शवों के अंतिम संस्कार के लिए जगह की कमी पड़ने लगी थी। 2, दिसंबर 1984 की रात को भोपाल में हुए गैस कांड में 10 हजार से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी। तब भोपाल में विश्राम घाटों में शवों को जलाने के लिए जगह की भारी कमी पड़ गई थी।




इंदौर में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए कलेक्टर मनीष सिंह ने ज्यादा कोरोना संक्रमित क्षेत्रों को माइक्रो कंटेनमेंट एरिया के रूप में घोषित किया है। ऐसे 15 शहरी इलाके अभी चिन्हित किए गए हैं। इन कंटेनमेंट क्षेत्र की अवधि 7 दिन तक रहेगी। यहां लोगों की आवाजाही सीमित रहने के साथ ही लोगों को आवश्यक सेवाएं मिलती रहेगी। इसके अलावा घर-घर सैंपलिंग का कार्य भी किया जाएगा। दरअसल, कुल 33 वार्डों में लगातार केस मिल रहे हैं। वहां प्रशासन की नजर है। पहले चरण में 15 कॉलोनी मोहल्लों में सख्ती गई है।

जीवन रक्षक इंजेक्शन रेमडेसिविर की सप्लाई इंदौर और भोपाल में खत्म हो गई है। अकेले भोपाल शहर के 51 कोविड अस्पतालों में 2400 भर्ती हैं, इनमें से 1920 मरीजों के परिजन इंजेक्शन के लिए भटक रहे हैं। यही हाल इंदौर का है। यहां छह दिन से दवा दुकानों पर सुबह से ही लाइन लगी रह रही है, लेकिन इंजेक्शन नहीं मिल रहा है। 35 हजार इंजेक्शन के ऑर्डर दे चुके हैं। शुक्रवार को सरकार ने दावा किया है कि हर महीने 1 लाख रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्ध कराएगी।

भोपाल में कोरोना हर दिन बन रहा रिकाॅर्ड
भोपाल में कोरोना का कहर जारी है। यहां कोरोना संक्रमितों की संख्या का हर दिन रिकॉर्ड बन रहा है। पिछले 24 घंटे में रिकार्ड 736 संक्रमित मिले हैं। यहां एक्टिव केस 5011हैं। इस महामारी की चपेट में मेडिकल छात्र और डॉक्टर भी आने लगे हैं। कोरोना की दूसरी लहर में अब तक भोपाल एम्स में 53 पॉजिटिव केस मिले हैं। इसमें 38 मेडिकल छात्र, 2 डॉक्टर सहित 13 स्वास्थ्य कर्मी हैं।

यह भी पढ़ेंः मप्र में कोरोनाः राज्य सरकार ने फिर लागू की मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना

इंदौर में 5 मौतें, एक्टिव केस 7425
कोरोना से सबसे ज्यादा इंदौर की हालत खराब है। आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं। 24घंटे के अंदर रिकॉर्ड 912 मरीज मिले हैं। पांच मरीजों की मौत भी हुई है। एक्टिव केस 7425 पर पहुंचा गया है। इसकी वजह से यहां बेड, रेमडेसिविर इंजेक्शन से लेकर ऑक्सीजन तक से जूझना पड़ रहा है।

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