ज्योतिष

जानिए क्यों श्री हनुमान जी को चढ़ाया जाता है चोला?

भगवान श्री राम (Lord Shri Ram) के परम भक्‍त श्री हनुमान (Shri Hanuman) को साक्षात् कलयुग के देव कहा गया हैं। श्री हनुमान बल, बुद्धि और विद्या प्रदान करने वाले हैं । इसीलिए हर कोई चाहता है कि हनुमान जी की विशेष कृपा उन पर जरुर बनी रहे। श्री हनुमान को सिंदूर (Vermilion) अति प्रिय है और भक्‍त बड़े प्रेम से अपने आराध्‍य श्री हनुमान को सिंदूर चढ़ाते है। मान्‍यता है कि सिंदूर चढ़ाने से बजरंग बल‍ि बेहद प्रसन्‍न होते हैं और अपने भक्‍तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर देते हैं। लेकिन क्‍या आपने कभी सोचा है कि हनुमान जी को सिंदूर क्‍यों चढ़ाया जाता है और वो हमेशा सिंदूरी रंग का चोला ही क्‍यों ओढ़ते हैं? वैसे तो सिंदूर सौभाग्‍य और ऊर्जा का प्रतीक (symbol of energy) है लेकिन हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने के संबंध में दो कथाएं प्रचलित हैं।

हनुमान जी को क्यों चढ़ाते हैं चोला
श्री रामचरित मानस (Shri Ramcharit Manas) के अनुसार एक बार माता सीता को सिंदूर लगाते हुए देखा, श्री हनुमान जी के लिए ये कुछ अजब सी चीज थी तो उन्होंने माता सीता से सिन्दूर के बारे में पूछा। इस पर माता सीता ने कहा कि श्री राम की लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन की कामना के लिए मांग में सिंदूर लगाती हैं। सिन्दूर लगाने से उन्हें श्रीराम का स्नेह प्राप्त होगा ,सिंदूर सौभाग्य का प्रतीक है। माता सीता का उत्तर सुनकर हनुमानजी ने सोचा कि जब थोड़ा सा सिंदूर लगाने का इतना लाभ है तो वे पूरे शरीर पर सिंदूर लगाएंगे। इससे उनके स्वामी श्रीराम हमेशा के लिए अमर हो जाएंगे। यही सोचकर उन्होंने पूरे शरीर पर सिंदूर लगाना शुरू कर दिया। हनुमान जी पूरे शरीर पर सिंदूर पोतकर श्री राम के सामने सभा में प्रस्तुत हो गए। श्रीराम ने जब हनुमान को सिन्दूर से रंगा देखा तो उन्होंने हनुमान से इसका कारण पूछा। हनुमान जी ने बेझिझक कह दिया कि उन्होंने ये सिर्फ भगवान राम का स्नेह प्राप्त करने के लिए किया है। उस वक्त श्रीराम इतने प्रसन्न हुए कि उन्होंने हनुमान को गले लगा लिया। बस तभी से हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए उनकी मूर्ति को सिन्दूर से रंगा जाता है। इससे हनुमान का तेज और बढ़ जाता है और भक्तों में आस्था बढ़ जाती है।

सिंदूर चढ़ाने की व‍िध‍ि
सबसे पहले हनुमान जी की प्रतिमा को स्‍नान कराएं। इसके बाद पूजा-सामग्री अर्पण करें। फिर मंत्र का उच्‍चारण करते हुए चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर या हनुमान जी की मूर्ति पर देसी घी लगाकर उस पर सिंदूर चढ़ा दें।

सिंदूर चढ़ाते वक्‍त इस मंत्र का उच्‍चारण करें
सिन्दूरं रक्तवर्णं च सिन्दूरतिलकप्रिये।
भक्तयां दत्तं मया देव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम।।

आपको बता दें कि सिंदूर को सुख, सौभाग्‍य और संपन्‍नता का प्रतीक माना जाता है। जो भी व्यक्ति हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करता है उससे भगवान प्रसन्न होते हैं और भक्त की सभी इच्छाएं पूरी करते हैं।

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