ज्योतिष

जानें,बच्चों को बुरी नजर से बचाने के लिए क्यों लगाते हैं काला टीका, जानिए इसके पीछे का कारण

सनातन धर्म में सोलह संस्कारों का वर्णन है। इसके अंतर्गत जन्म से लेकर मृत्यु तक सोलह संस्कार किए जाते हैं। साथ ही कई अन्य स्थानीय रीति-रिवाजों का भी पालन किया जाता है। इसका वर्णन अर्थर्ववेद में भी है। जानकारों की मानें तो अर्थर्ववेद में जादू-टोना समेत, बुरी नजर से बचने के तरीके भी बताए गए हैं। इसके लिए ऐसी मान्यता है कि बच्चों को जल्द किसी की नजर लग जाती है। वर्तमान समय में भी अर्थर्ववेद में निहित उपायों को किया जाता है। ऐसा माना जाता है की बच्चों को बुरी नज़र से बचाने के लिए नज़रिया के तौर पीआर काला टीका लगाया जाता है । आइए, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं कि क्यों बुरी नजर से बचने के लिए बच्चों को काला टीका लगाते हैं।

काला टीका लगाने के पीछे धार्मिक महत्व
जानकारों का कहना है कि किसी भी व्यक्ति को देखने के बाद किसी के भी मन में दो तरह के विचार आते हैं। एक पॉजिटीव और दूसरा नेगेटिव. जब व्यक्ति नेगेटिव होकर किसी को देखता है तो उसके आसपास भी नेगेटिव औरा बनता है, जिस वजह से सामने वाला व्यक्ति या बच्चा उससे प्रभावित हो जाता है, जिसे हम बुरी नजर कह देते हैं। सामने वाले व्यक्ति से आई ये नेगेटिव एनर्जी सामने वाले शख्स में प्रवेश कर जाती है। आमतौर पर बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, जिस वजह से बच्चों को जल्दी ही नजर लग जाती है।

क्या होती है बुरी नजर
जानकारों का मानना है कि काले टीका लगाने से नेगेटिव औरा का असर क्षीण हो जाता है। कहते हैं कि काले रंग से नजर लगाने वाले की एकाग्रता भंग हो जाती है। इस कारण बच्चे पर नेगेटिव एनर्जी हावी नहीं हो पाती और बच्चा बुरी नजर से बच जाता है। बुरी नजर को साइंस में एक तरह की नेगेटिव एनर्जी कहा जा सकता है जो आपको नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसा माना जाता है कि बुरी नजर व्यसक्तिै की एनर्जी को प्रभावित कर उसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश करती है। चूंकि, बच्चोंर की एनर्जी कमजोर होती है इसलिए उन्हें नजर लगने का डर ज्यानदा रहता है। हालांकि, विज्ञान ने बुरी नजर को एक अंधविश्वास ठहराया है। उसके अनुसार मनुष्य की आंख से ऐसी कोई हानिकारक रेडिएशन नहीं निकलती है जिससे किसी को कोई नुकसान पहुंच सके।

वैज्ञानिक दृष्टि
हमारे शरीर में विद्युत चुंबकीय विकिरण मौजूद होता है। बच्चों में विद्युत चुंबकीय विकिरण कम होती है। वहीं, बड़ों में बच्चों की तुलना में अधिक होती है। जब किसी व्यक्ति की बुरी नजर बच्चे पर पड़ती है, तो इससे बच्चे की विद्युत चुंबकीय विकिरण प्रभावित होती है। इस वजह से बच्चे की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। वहीं, बच्चे को जब काला टीका लगाया जाता है या काला धागा बांधा जाता है, तो बुरी नजर से विद्युत चुंबकीय विकिरण प्रभावित नहीं होता है। इस वजह से प्राचीन काल से बच्चों को बुरी नजर से बचाने के लिए काला टीका लगाया जाता है।

पुराने लोग क्या कहते हैं?
जो लोग नजर जैसी चीजों को मानते हैं उनका कहना है कि जब आपसे कोई ईर्ष्या या जलन रखने वाला व्यक्ति आपको घूरता है तो यही बुरी नजर है जो आपको नुकसान पहुंचा सकती है। छोटे बच्चों को नजर लगने के पीछे भी वे यही कारण बताते हैं। और काला टीका लगाकर रखते हैं। कहा जाता है कि काला टीका लगाने से बुरी नजर बच्चे तक नहीं पहुंचती है।

नजर लगने पर क्या होता है?
अक्सर देखा जाता है कि बच्चा लगातार रो रहा है। चिड़चिड़ा हो रहा है ना खा रहा है हना पी रहा है ना सो रहा है। ऐसे में अंदाजा लगाया जाता है कि बिना तकलीफ के अगर बच्चा लगातार रो रहा है तो उसको नजर लगने का अनुमान होता है। गांव में कई तरह के टोटके कर नजर को हटाया भी जाता है। लेकिन डॉक्टार नजर को नहीं मानते हैं उनका कहना है कि ये सब समस्याेएं मेडिकल कारणों से होती हैं। हालांकि एक मां होने के नाते दवा देने के बाद भी बच्चे को आराम नहीं मिल रहा है तो आप नजर पर भरोसा कर सकती हैं लेकिन साथ ही मेडिकल मदद भी जारी रखें।

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