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जानें कौन हैं सिद्धारमैया जो डीके शिवकुमार पर पड़ गए भारी

डीके शिवकुमार नहीं, अब कर्नाटक की कमान सिद्धारमैया संभालेंगे। साउथ में कई हस्तियों का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोलता है।

डीके शिवकुमार नहीं, अब कर्नाटक की कमान सिद्धारमैया संभालेंगे। साउथ में कई हस्तियों का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोलता है। कर्नाटक में बंपर चुनावी जीत के बाद कांग्रेस को सत्ता में लाने वाले सिद्धारमैया को अगर कर्नाटक का रजनीकांत कहा जाए तो गलत नहीं होगा। तमिलनाडु के सिनेमा फैंस के बीच रजनीकांत का जादू जिस तरह सिर चढ़कर बोलता हैं, ठीक उसी तरह से कर्नाटक के लोगों के दिल पर सिद्धारमैया राज करते हैं। रजनीकांत का एक्शन तो सिद्धारमैया की सादगी, संघर्ष और सियासत के लोग दीवाने है। खासकर कुरबा समुदाय के लोग तो सिद्धारमैया को संत की तरह सम्मान देते हैं। यही कारण है कि जिस डीके शिवकुमार के चेहरे को आगे करके कांग्रेस ने पूरा चुनाव लड़ा उस डीके पर सिद्धारमैया भारी पड़ गए। अब ऐसे में ये जानना जरुरी हो जाता है कि आखिर कैसे सिद्धारमैया ने कार्यकर्ता से लेकर सीएम तक का सफर तय किया। लेकिन इससे पहले हम बताएंगे कि आखिर क्यों सीएम पद की रेस में डीके शिवकुमार पर सिद्धारमैया भारी पड़ गए…

ज्यादातर विधायकों की पंसद बने सिद्धारमैया

इस चुनाव में कांग्रेस ने 135 सीटों पर जीत हासिल की है। बताया जाता है कि विधायक दल की बैठक में 95 विधायकों ने खुलकर सिद्धारमैया का नाम लिया। मतलब विधायक सिद्धारमैया को ही मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे। ऐसे में अगर कांग्रेस ने सिद्धारमैया की जगह डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री बना दिया होता तो संभव है कि आगे चलकर सिद्धारमैया बगावत कर सकते थे।

मुकदमों के डर से डीके हुए फेल

दूसरा सबसे बड़ा कारण डीके शिवकुमार पर चल रहे मुकदमे हैं। कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चिंता यही रही कि डीके शिवकुमार के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। इस बीच, कर्नाटक के डीजीपी को ही सीबीआई का नया डायरेक्टर भी बना दिया गया है। कहा जाता है कि सीबीआई के नए डायरेक्टर डीके शिवकुमार को करीब से जानते हैं। दोनों के बीच बिल्कुल नहीं बनती है। ऐसे में कांग्रेस को लगा कि अगर डीके शिवकुमार को सीएम बना दिया जाता है, तो सीबीआई उनकी पुरानी फाइलों को खोल देगी, जिसका नुकसान सरकार को उठाना पड़ेगा।

हर वर्ग में सिद्धारमैया मजबूत

ये सबसे बड़ा कारण है। सिद्धारमैया की पकड़ हर तबके में काफी अच्छी है। खासतौर पर दलित, पिछड़े और मुसलमानों के बीच वह काफी लोकप्रिय हैं। ऐसे में अगर सिद्धारमैया को कांग्रेस ने मुख्यमंत्री नहीं बनाया होता तो संभव है कि वह पार्टी के खिलाफ जा सकते थे। ऐसी स्थिति में कांग्रेस के हाथों से दलित, पिछड़े वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग का एक बड़ा वोट बैंक भी खिसक सकता था। ऐसे कई कारण हैं जिसकी वजह से सिद्धारमैया डीके शिवकुमार पर भारी पड़ गए। अब ये जानना जरुरी हो जाता है कि सिद्धारमैया कैसे कार्यकर्ता से लेकर सीएम की कुर्सी तक पहुंचे ?

सिद्धारमैया का जन्म और पढ़ाई

कर्नाटक की कमान संभालने वाले मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का जन्म मैसूर के एक गांव में तीन अगस्त 1947 को हुआ था। उनके पिता सिद्धारमे गौड़ा वरुणा होबली में खेती का काम करते थे। वहीं इनकी मां एक हाउसवाइफ थी। पांच भाई-बहनों में सिद्धारमैया दूसरे नंबर पर हैं और कुरुबा गौड़ा समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। जिसका कर्नाटक में तीसरा सबसे बड़ा वोट शेयर है। सिद्धारमैया ने मैसूर यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। बीएससी की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने वकालत की और एक वकील के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। हालांकि, सिद्धारमैया के माता-पिता चाहते थे कि वह डॉक्‍टर बनें। वकालत छोड़ने के बाद सिद्धारमैया ने राजनीति में एंट्री मारी।

सिद्धारमैया राजनीतिक सफर

साल 1978 में सिद्धारमैया ने राजनीति में कदम रखा था। इसके बाद सिद्धारमैया तमाम पदों पर रहे। सिद्धारमैया जुलाई, 2006 में जेडीएस छोड़कर कांग्रेस में आए थे। एक कार्यकर्ता से लेकर विधायक और डिप्टी सीएम बनने के बाद साल 2013 में सिद्धारमैया को कर्नाटक का सीएम बनाया गया। कांग्रेस के सिद्धारमैया साल 2013-2018 तक राज्य के सीएम का पद संभाल चुके हैं। पिछले 45 साल में 5 साल पूरा करने वाले पहले सीएम भी सिद्धारमैया बने। इस बार भी सिद्धारमैया ने कर्नाटक के मैसूर क्षेत्र में वरुणा सीट से जीत हासिल की है। वो 9 बार के विधायक हैं। सिद्धारमैया जून 2009 से मई 2013 और 9 अक्टूबर 2019 से 2023 तक कर्नाटक विधानसभा में नेता विपक्ष रहे। 11 बार विधानसभा का चुनाव लड़ चुके सिद्धारमैया 4 सीट से चुनाव लड़ने और 3 सीटों से चुनाव जीतने का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर चुके हैं।

19 करोड़ से ज्यादा के मालिक हैं सिद्धारमैया

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन के साथ दायर हलफनामे के अनुसार, सिद्धारमैया के पास 19 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है। वह 9.58 करोड़ रुपये की चल और 9.43 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति के मालिक हैं। साथ ही उनके ऊपर 13 मामले लंबित हैं।

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