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जानिए कौन है उद्धव सरकार पर संकट के बादल लाने वाले “एकनाथ शिंदे”

भोपाल – महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इसका कारण है, ठाणे की कोपरी-पांचपखाड़ी सीट से 4 बार शिवेसना के विधायक और उद्धव सरकार में नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे, जो एक वफादार शिवसैनिक हैं। एकनाथ शिंदे करीब 25 विधाय़कों के साथ सूरत में डेरा जमाए हुए हैं। एकनाथ शिंदे का विधायकों के साथ महाराष्ट्र छोड़कर सूरत में ठहरना कई तरह के संकेत दे रहा है। इन संकेतों के बीच हर कोई जानना चाहता है कि कौन है, उद्धव ठाकरे के सामने मुसीबत खड़ी करने वाले “एकनाथ शिंदे”।

 

ठाकरे परिवार के बाद सबसे ज्यादा ताकतवर

महाराष्ट्र सरकार को संकट में डालने वाले एकनाथ शिंदे का परिवार ठाकरे परिवार के बाद सबसे ज्यादा ताकतवर परिवार माना जाता है। साल 2019 में जब शिवसेना ने गठबंधन कर सरकार बनाई थी, तब उद्धव ठाकरे सीएम नहीं बनते तो एकनाथ शिंदे ही सीएम कुर्सी पर विराजमान होते। उद्धव सरकार में नगर विकास मंत्री का पद संभाल रहे 59 साल के एकनाथ शिंदे साल 1980 में शिवसेना के शाखा प्रमुख रहे चुके हैं। एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र की ठाणे की कोपरी- पांचपखाड़ी सीट से 4 बार विधायक चुने जा चुके हैं। शिंदे की छवि हमेशा से ही एक कट्टर और वफादार शिवसैनिक की रही है। वे पार्टी के लिए कई बार जेल भी जा चुके हैं।

 

ऐसा रहा राजनीतिक सफर 

उद्धव सरकार में मंत्री पद संभाल रहे एकनाथ शिंदे का संबंध महाराष्ट्र के सतारा जिले के पहाड़ी जवाली तालुका से हैं। शिंदे की शुरुआत शिक्षा मंगला हाई स्कूल और जूनियर कॉलेज, ठाणे से हुई है। अगर एकनाथ शिंदे के राजनीतिक प्रभाव की बात की जाए तो ठाणे में उनका प्रभाव ऐसा है कि लोकसभा, विधानसभा या फिर निकाय चुनाव हो जीतता शिंदे का उम्मीदवार ही है। लोकसभा चुनाव में एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे भी शिवसेना से जीतकर संसद पहुंचे हैं। वहीं उनके राजनीतिक सफर की बात की जाए तो शिंदे अक्टूबर 2014 से दिसंबर 2014 तक महाराष्ट्र विधानसभा में वे विपक्ष के नेता रहे। इसके बाद 2014 में ही महाराष्ट्र राज्य सरकार में PWD के कैबिनेट मंत्री के रूप में नियुक्त हुए। साल 2019 में कैबिनेट मंत्री सार्वजनिक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री का पद संभाला।

 

 

 

गांधी परिवार ने नहीं बनने दिया सीएम

साल 2019 में शिवसेना ने भाजपा से गठबंधन तोड़कर एनसीपी और कांग्रेस से गठबंधन कर चुनाव लड़ा तब यह तय नहीं किया गया था सीएम कौन होगा। चुनाव जीतकर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को विधायक दल का नेता बनाया था, ऐसे में एकनाथ शिंदे को सीएम बनना था। लेकिन एनसीपी के शरद पवार और सोनिया गांधी ने उद्धव को सीएम बनाना चाहते थे। ऐसे में कड़ी मेहनत और सीएम पद का प्रबल दावेदार होने के बाद भी महा विकास अघाड़ी सरकार का मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बनाया गया।

 

 

 

इसलिए नाराज है शिंदे

ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है, कि जब एकनाथ शिंदे शिवसेना आलाकमान से नाराज हुए हैं। इससे पहले भी एकनाथ शिंदे शिवसेना से नाराज हो चुके हैं, तब ऐसी खबर आई थी कि वे अपने सभी समर्थकों के साथ बीजेपी ज्वाइन कर सकते हैं। हालांकि उस वक्त खुद एकनाथ शिदें ने सभी खबरों को निराधार बताया था। लेकिन इस बार एकनाथ शिंदे गठबंधन की तीनों पार्टी यानि शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी से नाराज होकर सूरत में अपने समर्थकों के साथ डेरा जमाए हुए हैं। खबर मिली है कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र विधान परिषद के चुनावों में हुई क्रॉस वोटिंग से नाराज है।

 

 

 

वैभव गुप्ता

वैभव गुप्ता मध्यप्रदेश की पत्रकारिता में जाना-पहचाना नाम हैं। मूलतः ग्वालियर निवासी गुप्ता ने भोपाल को अपनी कर्मस्थली बनाया और एक दशक से अधिक समय से यहां अनेक प्रतिष्ठित संस्थानों में उल्लेखनीय सेवाएं दी हैं। वैभव गुप्ता राजनीतिक तथा सामाजिक मुद्दों पर भी नियमित रूप से लेखन कर रहे हैं।

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